ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में स्थित PWD के कार्यालय में पदस्थ चौकीदार का शव ऑफिस की छत पर संदिग्ध अवस्था में मिला है। शव मिलने की सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और फोरेंसिक एक्सपर्ट को बुलाकार जांच पड़ताल शुरू कर दी।
ग्वालियर के सिटी सेंटर क्षेत्र में स्थित SDO PWD सब डिवीजन क्रमांक 1 के ऑफिस की छत पर आज गुरुवार को चौकीदार जनवेद पाल का शव संदिग्ध अवस्था में मिला है। ऑफिस का जब ताला नहीं खुला और स्टाफ के लोग ऑफिस पहुंचे तो चौकीदार को तलाशा गया इस दौरान उसका शव ऑफिस की छत पर पड़ा मिला।
ऑफिस स्टाफ ने चौकीदार के परिजनों और विश्वविद्यालय थाना पुलिस को सूचना दी। सरकारी कार्यालय की छत पर शव के मिलने की सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी हितिका वासल, सीएसपी रत्नेश तोमर और टीआई विश्वविद्यालय थाना पुलिस फ़ोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। घटना स्थल निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों ने फोरेंसिंक एक्सपर्ट अखिलेश भार्गव को भी मौके पर बुला लिया।
उधर परिजनों का कहना है कि हमारे पास तो फोन पहुंचा था कि जनवेद ऑफिस नहीं पहुंचा। लेकिन जब हमने बताया कि वो यहाँ नहीं है तब उसकी खोजबीन की गई तो ऑफिस की छत पर उसका शव मिला। परिजनों ने बताया कि जनवेद ने कल ही परिवार में बिना किसी को बताये 1 बीघा जमीन की किसी के नाम रजिस्ट्री की थी।
मौके पर पहुंची एडिशनल एसपी हितिका वासल का कहना कि मामला संदिग्ध है, शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, शव को देखने से सुसाइड नहीं लग रहा लेकिन सही कारण तो पोस्टमर्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पायेगा। उन्होंने कहा कि परिजनों के बयान भी लिए जा रहे हैं।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....