ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर(Narendra Singh Tomar) गुरु पूर्णिमा के मौके पर शनिवार को अपने गृह नगर ग्वालियर (Gwalior) पहुंचे। यहाँ उन्होंने गुरु स्थानों पर पहुंचकर उनके सामने शीश झुकाया और आशीर्वाद लिया। कृषि मंत्री ने संघ द्वारा संचालित हॉस्पिटल में सीटी स्कैन मशीन का उद्घाटन किया। कृषि मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए किसान संसद पर तंज कसा।
गुरु पूर्णिमा पर अपने घर ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने गुरुओं का पूजन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर परम पूज्य गुरुजी श्रीश्री 1008 महात्यागी चंद्रमा दास जी महाराज की पूजा कर उनसे आशीर्वाद लिया। इसी तरह मुरार के त्यागी नगर स्थित संत शिरोमणि परम पूज्य गुरुदेव श्री उदय भान सिंह जी सिकरवार की पूजा कर उनसे आशीर्वाद लिया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने परम पूज्य श्री विश्वास प्रवासी जी महाराज की भी पूजा की। कृषि मंत्री ने तीनों ही सिद्ध स्थानों पर गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन करते हुए गुरुओं के आगे शीश नवाया और गुरुओं से सदैव उनका मार्गदर्शन करने और आशीर्वाद बनाए रखने की प्रार्थना भी की।
कृषि मंत्री ने संघ द्वारा संचालित आरोग्यधाम चैरिटेबल हॉस्पिटल ग्वालियर में 2 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित की गई सीटी स्कैन मशीन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आरोग्यधाम ग्वालियर का चैरटेबल हॉस्पिटल है, हेडगेवार जी की जन्म शताब्दी पर संघ ने ये प्रकल्प हाथ में लिया था और आज ये क्षेत्र के तमाम गरीबों की सेवा कर रहा है यहाँ से काम दाम पर इलाज मिल रहा है। यहाँ काम कर रहे डॉक्टर और अन्य स्टाफ सेवा भाव से कम पैसे में काम करते हैं इसलिए हमारा प्रयास रहता है कि यहाँ जितने साधन बढ़ेंगे उतना गरीब मरीजों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल में सीटी मशीन की आवश्यकता महसूस हुई उस समय हमने CSR मद से अपने संबंधों का उपयोग कर 2 करोड़ रुपये की सीटी स्कैन अस्पताल को उपलब्ध कराई है जिसका आज से उपयोग शुरू हो गया है।
दिल्ली में जंतर मंतर पर किसान संगठनों द्वारा सामानांतर संसद चलाये जाने के सवाल पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि संसद तो एक ही होती है जिसे जनता चुनकर भेजती है वो संसद, संसद है बाकि जो यूनियन्स के लोग इस प्रकार की बातें कर रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं वो एक तौर से निरर्थक हैं। हमने कई बार यूनियन के लोगों को कहा है कि उन्हें आंदोलन का रास्ता छोड़कर वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि वो यदि प्रस्ताव लेकर आएंगे तो हम बात करेंगे।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....