इन दो उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य दांव पर, बंपर वोटिंग ने बढ़ाई चिंता

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भोपाल। लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके हैं। छठवे चरण में प्रदेश की आठ सीटों पर रविवार को वोट डाले गए। इसमें सबसे हॉट सीट भोपाल लोकसभा सीट पर भी मतदान किया गया। आठों सीट पर कुल 65.22 फीसदी मतदान हुआ है।  भोपाल में इस बार 65.69 फीसदी वोटिंग हुई है। 2014 में भोपाल में 57.8 फीसदी मतदान हुआ था। कांग्रेस ने इस सीट पर दिग्विजय सिंह और बीजेपी से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर चुनाव लड़ी। मोदी लहर नहीं होने के बाद भी इस सीट पर मत प्रतिशत बढ़ा है। लेकिन इस बढ़े मतप्रतिशत से दोनों दलों की सांंसे थमी हैं। जीत का दावा भी दोनों दल कर रहे है। लेकिन बढ़ा वोटिंग प्रतिशत क्या कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होगा? इस सवाल का जवाब तो 23 मई को ही पता चलेगा लेकिन उससे पहले राजनीति के पंडित कई कयास लगा रहे हैं। 

जानकारों का कहना है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़ने का मतलब है दोनों ही दलों के उम्मीदवारों के बीच कांटे का मुकाबला है। वोटर इस बार शांत हैं, और ये शांति बीजेपी को महंगी पड़ सकती है। बीजेपी के साथ ही दिग्विय सिंह का राजनीतिक भविष्य भी इस चुनाव पर काफी हद तक निर्भर करता है। वह अगर जीत जाते है तो उनका कद और कम हुई प्रतिष्ठा बढ़ जाएगी। उनके प्रचार से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दूरी बनाए रखी। वहीं, बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा की बात की जाए तो उनको जिताने में आरएसएस काडर ने पूरी ताकत झोंक दी है। भोपाल सीट संघ का गढ़ है। ऐसे में यहा से अगर हार मिली तो यह राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी और संघ के लिए चिंतन का विषय बन जाएगा। 


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