ग्वालियर। नगरीय निकाय नजदीक होने के चलते पार्षदों को अब अपने वार्डों के कामों की चिंता सताने लगी है। लेकिन काम नहीं होने से उनका गुस्सा फूटने लगा है। हालात ये हो गए हैं कि कुछ दिन पहले सत्ता पक्ष में रहे भाजपा पार्षद भी काम नहीं होने के आरोप लगा रहे हैं वहीं इस समय सत्ता सुख भोग रहे कांग्रेस पार्षद भी।
चार दशकों से भी अधिक समय से नगर की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के पार्षद अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। हालांकि परिषद् अभी भी उन्हीं की है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। महापौर विवेक शेजवलक�� अब सांसद बन चुके हैं हालांकि उनके कार्यकाल में भी भाजपा पर पार्षद कई बार बगावती तेवर दिखा चुके हैं। लेकिन अब चुनाव नजदीक हैं तो सभी पार्षदों की चिंताएं बढ़ गई हैं जनता दरवाजे पर उधम करती है अधिकारी सुनते नहीं है। गालियाँ पार्षद को खानी पड़ती है। इन्ही सब बातों को लेकर पार्षदों ने निगम कमिश्नर संदीप माकिन से बात की थी। कमिश्नर ने विधानसभावार बैठक बुलाने का फैसला किया। पहली बैठक ग्वालियर दक्षिण विधानसभा की रखी गई। जिसमें पार्षदों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। परेशानियाँ गिनाते गिनाते और अफसरों के वही टालने वाले जवाब सुनकर जब पार्षदों का धैर्य जवाब दे गया तो वार्ड 37 के भाजपा पार्षद मुकेश परिहार आयुक्त के सामने ही धरने पर बैठ गए। उनका आरोप था की एक साल हो गया सीवर लाइन नहीं डाली गई। भाजपा पार्षद नीलिमा शिंदे ने कहा क्षेत्र अधिकारी बात नहीं करते। बारिश आंधी में पानी बिजली की समस्या से जूझ रही जनता को हम सँभालते रहे और अधिकारी गायब थे । भाजपा पार्षदों का साथ देते हुए दूसरे दल के पार्षद भी आक्रोशित हो गए