भोपाल/नागदा।
रूढ़िवादी परंपरा को त्यागकर प्रगतिशील विचारों की बात करना तो आसान है, लेकिन खुद ऐसे बदलाव की पहल करना मुश्किल है. ऐसा ही कुछ बेहतर और प्रेरणादायक कार्य किया है उज्जैन जिले के नागदा के प्रफुल्ल शुक्ला ने. प्रफुल्ल ने अपने पिता के निधन के बाद मृत्युभोज में पैसे जाया न करते हुए कुछ ऐसा किया जिससे कई लोगों की मदद होगी साथ ही उनके स्वर्गीय पिता का नाम भी हमेशा सकारात्मक स्वरूप में याद किया जाएगा.
नागदा के प्रफुल्ल शुक्ला ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जो सभी के लिए प्रेरणा दायक है दरअसल प्रफुल्ल शुक्ला के पिता का कुछ दिन पहले निधन हुआ जिसके बाद समाज के लोगों ने उन्हें भव्य मृत्यु भोज करवाने की सलाह दी, लेकिन प्रफुल्ल शुक्ला और उनके परिवार ने मृत्यु भोज देने के बजाय उसी रकम से एक एंबुलेंस खरीद कर दान में दे दी.
उनका मानना है कि भोज देने से तो केवल एक दिन के लिए लोगों का पेट भरेगा. वह भी उन लोगों का जिनके पास पहले से अन्न व भोजन की कमी नहीं है, लेकिन एंबुलेंस के दान करने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है.