बच्चों को स्कूल तक लाने जहां शासन प्रशासन ढेरों प्रयास कर रहे हैं| वहीं स्कूलों में जिन शिक्षकों के भरोसे बच्चों को छोड़ा जा रहा है वो सरकार के तमाम प्रयासों पर पानी फेर रहे हैं, बल्कि सरकार भी किरकिरी करा रहे हैं| मामला रायसेन जिले से हैं, जहां मास्टरजी आये दिन शराब के नशे में चूर होकर स्कूल पहुँचते हैं और ऐसी ही स्तिथि में बच्चों को पढ़ाते हैं| जिससे बच्चों को भी असुरक्षा का भाव रहता है और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने में कतराते हैं|
ओबैदुल्लागंज विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला सोथर में शिक्षक गोवर्धन इवने शराब के नशे में स्कूल पहुंचता है और स्कूली बच्चों को नशे की हालत में ही पढ़ाता है| इस मामले में स्कूली बच्चों और ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि शिक्षक शराब पीकर रोज स्कूल आता है। कई बार समझाया भी फिर भी नशेड़ी शिक्षक के हालात जस के तस है।
जब नशे की हालत में शिक्षक से पूछा क्या शराब पी है तो पहले उसने इनका कर दिया है, लेकिन जब मेडिकल कराने और अधिकारियों को बुलाने की बात की तो शिक्षक ने स्वीकार कर लिया कि उसने शराब पी रखी है| अब सवाल जिला प्रशासन और ब्लॉक अधिकारियों पर भी खड़े होते हैं, जिनकी बड़ी लापरवाही है जो समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण नहीं करते। जिसके कारण स्कूली शिक्षक मनमर्जी से स्कूल में जाते हैं और मासूम स्कूली छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, अब देखना होगा इस शराबी शिक्षक पर शिक्षा विभाग क्या कार्रवाई करता है।