भोपाल
मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के गठन को लेकर लगातार सुगबुगाहट तेज हैं और यह माना जा रहा है कि आने वाले 48 घंटों में मंत्रिमंडल का गठन हो जाएगा। कोरोना संकट को देखते हुए शिवराज अभी केवल 8 से 10 मंत्री मंत्रिमंडल में रखना चाहते हैं लेकिन इन सबके बीच सूत्रों के हवाले खबर आ रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक रहे सभी 6 पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर अड़ गए हैं। इतना ही नहीं ,सिंधिया ने इसके अलावा चार अन्य पूर्व विधायको को राज्य मंत्री बनाने की भी मांग की है। बुधवार रात केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात के दौरान सिंधिया ने अपना यह रुख स्पष्ट कर दिया।
सिंधिया का मानना है कि यदि मंत्रिमंडल में उनके एक या दो समर्थक पूर्व मंत्रियों को मंत्री बनाया जाता है तो अन्य पूर्व विधायकों में यह गलत संदेश जाएगा कि जो मंत्री बने वे सिंधिया के ज्यादा नजदीक है और हम नहीं। इतना ही नहीं, सिंधिया का यह भी मानना है कि आने वाले समय में इन लोगों को उपचुनाव में जनता के सामने जाना है और मंत्री रहते हुए ही यह चुनाव जीत सकते हैं। सिंधिया ने अपनी इस चिंता से केंद्रीय आलाकमान को अवगत करा दिया है। अब उम्मीद इस बात की भी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक सभी पूर्व मंत्री इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया , प्रभु राम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट सभी को मंत्री बना दिया जाए और इसके साथ-साथ सिंधिया के समर्थक माने जाने वाले राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के साथ सिंधिया के दो या तीन अन्य समर्थको को भी राज्य मंत्री के रूप में पद देकर मंत्रिमंडल का रूप बड़ा किया जाए ।हालांकि शिवराज अभी इस पक्ष में नहीं है और उनकी प्राथमिकता कोरोना से निपटना है। लेकिन अब गेंद अंतिम रूप से केंद्रीय आलाकमान के हाथ में है।