भोपाल।
जिन किसानों(farmers) की कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस सत्ता में आई थी अब उसी को लेकर प्रदेश की शिवराज सरकार(shivraj sarkar) को घेर रही है।एक बार फिर किसानों की कर्जमाफी(karjmaafi) को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने हो गई है। फर्क सिर्फ इतना है कि अब कांग्रेस विपक्ष और बीजेपी सत्तापक्ष में है।शिवराज सरकार ने जहां कर्जमाफी की समीक्षा करने की बात कही है और किसानों को धोखा देने वाली योजना को बंद करने के संकेत दिए है वही कांग्रेस ने सड़कों पर उतरने की धमकी दी है और कर्जा माफ करने की मांग की है।
दरअसल, दरअसल, कृषि मंत्री कमल पटेल ने जय किसान ऋण माफी योजना को बंद करने की तरफ इशारा किया है। कमल पटेल ने किसानों से कांग्रेस नेताओं की वादाखिलाफी पर FIR कराने की भी अपील की है ।मंत्री कमल पटेल का कहना है कि कमलनाथ मुख्यमंत्री बने तो पहले आदेश दिया 48 लाख किसानों का 54000 करोड़ का कर्जा माफ किया जाता है, विज्ञापनों में 120 करोड़ दे दिया जबकि माफ कर दिया तो हो जाना था किसान थाने में जाएंगे 120बी, 420 के तहत मामला दर्ज कराएंगे अब वो कोर्ट में जाएंगे इनपर मुकदमा कायम होगा।इस पर अब बवाल मच गया है।कमलनाथ सरकार (kamalnath sarkar )में कृषि मंत्री रहे सचिन यादव (sachin yadav)ने किसानों(farmers) को लेकर शिवराज सरकार(shivraj sarkar) पर हमला बोला है। यादव ने सीएम(cm shivraj) से पूछा है कि शिवराज साफ साफ बताये कि वे बचे किसानों(farmars) का ऋण माफ करेंगे या नहीं? वही उन्होंने कृषि मंत्री कमल पटेल(kamal patel) के बयान पर भी पलटवार किया है। यादव ने कहा है कि कमल पटेल काम सीखें फिर बयान दें,ये कमलनाथ सरकार के फैसले हैं मामा(mama) की घोषणायें नहीं।अगर ऐसा नही हुआ तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी। ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजमी है कि क्या शिवराज किसानों का कर्जा माफ करेंगे या कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी।
सड़क पर उतरने की दी धमकी
आगे कृषि मंत्री कमल पटेल को शासन व्यवस्था में अल्प शिक्षित बताते हुए पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी से पूछा है,कि क्या भाजपा सरकार जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा के नाम पर योजना को बंद करना चाहती है ? हम फसल ऋण माफी योजना कतई बंद करने देंगें, अगर आपने इस योजना को बंद करने की कोशिश की तो पूरी कांग्रेस एवं किसान सड़कों पर उतरेंगें।कृषि मंत्री कमल पटेल बोल रहे है कांग्रेस के नेताओं पर एफआईआर करवाएंगे तो करवाएं एफआईआर क्योंकि हमने मप्र के किसानों के पहले चरण में 22 लाख किसानों के कर्ज माफ किये, दूसरे चरण में लगभग 2 लाख किसानों के कर्ज माफ कर चुके थे ।
कमलनाथ सरकार के फैसले मामा की घोषणा नही
यादव यही नही रुके औग आगे कहा कि ऋण माफी का फैसला चुनी हुई सरकार की केविनेट द्वारा लिया फैसला है जिसे पलटने के लिये वापिस केविनेट में जाना पड़ेगा।कमल पटैल को उन्होने शासकीय कार्य प्रणाली के प्रति अल्प शिक्षित बतायाऔर आग्रह किया कि वे सरकार में.बैठे हैं तो काम सीखने में ध्यान लगायें।ये कमलनाथ सरकार के फैसले हैं मामा की ख्याली घोषणायें नहीं।
उन्होंने बताया है कि “जय किसान फसल ऋण माफी योजना” के पहले चरण में 20 लाख 22 हजार 731 पात्र किसानों के 7154 करोड़ 36 लाख रूपये के ऋण माफ किये गया था । जिनमें 2 लाख तक के कालातीत खाते और 50 हज़ार तक के चालू खातों के कर्ज माफ किये गए थे http://mpkrishi.mp.gov.in/hindisite_New/JKRMY_Farmer_Benift.aspx
पहले चरण के कर्ज़माफ़ी किसानों की पूरी सूची।दूसरे चरण में 1 लाख 87 किसानों के चालू खातों को स्वीकृति दी जा चुकी थी ।
जीतू ने भी सरकार को घेरा
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतु पटवारी ने कहा कि किसान क़र्ज़ माफ़ी योजना को छेड़ा गया तो लाखों किसान सड़कों पर उतर आएंगे।पटवारी ने कहा किसानों की क़र्ज़ा माफ़ी योजना शिवराज सरकार बंद करेगी तो किसान सड़क पर उतरेंगे।