भोपाल। विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन दोहराने के लिए कांग्रेस ने आम चुनाव की तौयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी बीजेपी का लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ करने का लक्ष्य तय कर रही है। लेकिन ये इतना आसान होता नजर नहीं आ रहा। कांग्रेस के पास लोकसभा चुनाव में उतारने के लिए नए चेहरे नहीं है। उम्मीदवारों का चयन पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसलिए कांग्रेन नेता विधानसभा चुनाव में कम अंतर से हारने वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाने का विचार कर रही है। गुरूवार को प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने राजधानी भोपाल में कांग्रेस पदाधिकारियों से लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की| मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि जो सीनियर लीडर विधानसभा चुनाव हारे है उन्हें लोकसभा चुनाव मैं टिकट देने पर विचार किया जायेगा|
लोकसभा चुनाव अप्रैल और मई में होने की आशंका है। 29 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के खाते में सिर्फ तीन सीट हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से सांसद चुने गए थे, सांसद और मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। रतलाम सीट से उप चुनाव में कांतिलाल भूरिया ने चुनाव जीता था। 2014 में मोदी लहर के चलते बीजेपी को एमपी से भारी जीत मिली थी। पार्टी की झोली में 29 में से 27 सीट आईं थी। बाद में वह रतलाम सीट उप चुनाव में हार गई थी। लेकिन इन पांच सालों में समीकरण बदले हैं। कई बीजेपी सांसदों ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है। इससे बीजेपी के सामने भी संकट है।