मजबूत इच्छा शक्ति और बेहतर प्रयास कोरोना तो क्या दुनिया की बड़ी से बड़ी आफत को हरा सकते हैं। इंदौर संभाग में इस बात का ताजा उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला है।
इंदौर से 60 किलोमीटर दूर खरगोन जिले के बड़वाह में रहने वाली 100 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने ने कोरोना की जंग जीत ली है। मध्यप्रदेश का ये पहला मामला है जब किसी 100 वर्षीय वृद्धा ने कोरोना को हराया है।
जानकारी के मुताबिक खरगोन जिले के बड़वाह के सुराणा नगर में रहने वाली 100 वर्ष की वृद्ध महिला के आगे कोरोना बौना साबित हुआ। 17 जुलाई को वृद्धा का सैंपल लिया गया था और 21 जुलाई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। स्थितियों को ध्यान रख प्रशासन ने महिला को उनके घर में ही आइसोलेट किया था। ये प्रदेश का ये पहला मामला होगा जिसमें मरीज कोरोना के अलावा पुरानी बीमारी कैंसर से भी ग्रसित रही। उम्रदराज महिला होने के बावजूद वो कोरोना से लड़कर स्वस्थ्य हुई हैं। इनके आत्मबल और रोग प्रतिरोधक क्षमता ने साबित कर दिया कि उचित देखरेख और व्यवस्थित दिनचर्या अपना कर कोरोना को पछाड़ा जा सकता है।
इस मरीज के संबंध में एसडीए मिलिंद ढोके ने बताया कि उम्रदराज महिला के पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन के सामने एक चुनौती थी क्योंकि वो अन्य बीमारियों से भी पीड़ित रही हैं। प्रशासन ने इसके लिए उनके घर में डॉक्टरों की निगरानी में प्रतिदिन जांच और प्रत्येक हलचल पर ध्यान रखा और घर के सदस्य भी इस बात को जानते थे कि उनके लिए ये परीक्षा की घड़ी है। आखिरकार गुरुवार को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई और अब वो कोरोना को मात दे चुकी हैं।
इधर, संभाग के सबसे बड़े इंदौर शहर में गुरुवार को एक बड़ी राहत भरी खबर ये भी है कि यहां हर उम्र वर्ग को लोग कोरोना को मात दे रहे हैं। इंदौर में गुरुवार को अरविंदों अस्पताल से 49 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया जिनमें 90 वर्ष की बुजुर्ग सहित 60 साल से अधिक उम्र के 20 बुजुर्ग शामिल है। बेहतर चिकित्सा और रोगप्रतिरोधक क्षमता से ये साबित हो रहा है कि कोरोना को हराया जा रहा है। लेकिन लोगो को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि अस्पताल जाने की नौबत ही न आये क्योंकि अस्पताल में गुजारे जाने वाले 14 से 18 दिन किसी सजा से कम नही होते है लिहाजा ऐसे में लोगो को मास्क पहनना, सेनेटाइजर का उपयोग करना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बेहद जरूरी है।