कलेक्टर ने निमार्ण एजेंसियों के अधिकारियों की ली बैठक, दिए मरम्मत कार्य तत्काल आरम्भ करने के निर्देश

झाबुआ, विजय शर्मा। जिला कलेक्ट्रेट में आज कलेक्टर रोहित सिंह ने विभिन्न निमार्ण एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की, जहां उन्होंने जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में खराब सड़कों का मरम्मत कार्य तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए, जिससे आवागमन और अधिक सुव्यवस्थित हो सके। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ कम हो। सड़कों की निर्माण एजेंसियां इन निर्देशों को गम्भीरता से ले। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं कि जावेगी।

कलेक्टर रोहित सिंह ने नेशनल हाईवे, झाबुआ से थांदला मार्ग तथा झाबुआ से राणापुर मार्ग की स्थिति की समीक्षा की और इन मार्गो का पैंच वर्क का कार्य तत्काल आरम्भ करने के निर्देश दिए। रोहित सिंह ने एमपीआरडीसी, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपनी – अपनी सडकें तत्काल ठीक कराए। रोहित सिंह ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि झाबुआ शहर में सभी सडकें तत्काल सुधरवाए। यदि ठेकेदार काम नहीं करते है तो उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जावे और दूसरे ठेकेदार से कार्य करवाया जावे। रोहित सिंह ने बताया कि 26 सितम्बर को पुनः समीक्षा की जावेगी। सभी अधिकारी प्रगति प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहें। इस बैठक में वन मण्डलाधिकारी एम.एल.हरित, जिला परिवहन अधिकारी राजेश गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी, उप यंत्री तथा ठेकेदार उपस्थित थे।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।