विदिशा में किसान ने की आत्महत्या, कमलनाथ बोले- राहत के अभाव में जान दे रहा अन्नदाता

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। उपचुनाव (Byelection) से पहले मध्यप्रदेश की सियासत में किसान चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही एक दूसरे को किसानों के मुद्दे पर घेर रहे है। एक तरफ जहां भाजपा (BJP) कर्जमाफी की गेंद कांग्रेस के पाले में डाले हुए है वही कांग्रेस (Congress) ओलावृष्टि का मुआवजे और किसान आत्महत्या को आधार बनाकर सरकार की घेराबंदी कर रही है। इसी बीच अब पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Former Chief Minister and PCC Chief Kamal Nath) ने विदिशा (Vidisha) में एक किसान (Farmers) की आत्महत्या (Suicide) मामले में सरकार को दोषी करार दिया है।

कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि भले आपकी पूरी सरकार किसान की इस आत्महत्या के पीछे भी अन्य कारण बताने में जुट जाये लेकिन सच्चाई यह है कि प्रदेश का किसान राहत के अभाव में अपनी जान दे रहा है और इनसे बेख़बर आपका चुनावी पर्यटन , करोड़ों की झूठी घोषणाएँ , झूठे शिलान्यास , चुनावी भूमिपूजन का खेल जारी है। कमलनाथ ने आगे लिखा है कि शिवराज जी ,अतिवर्षा , कीटों के प्रकोप से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ख़राब हुई फ़सलो का किसानो को अभी तक मुआवज़ा नहीं मिला है , उन्हें आपकी सरकार ने कोई राहत प्रदान नहीं की है।आपने बाढ़ पर्यटन ख़ूब किया , पीड़ितों के बीच ख़ूब लच्छेदार भाषण दिये लेकिन अभी तक उन्हें राहत प्रदान नहीं की।आज भी आपके गृह जिले विदिशा के सिरोंज के ग्राम भोरिया में फसल बर्बादी से दुखी किसान गोवर्धन भावसार (Govardhan Bhavasar) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)