दरअसल रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(shivraj singh chauhan) ने कहा कि डेढ़ साल से गांव के विकास के चक्के थमे हुए हैं। पिछली सरकार ने सरपंचों को पंचपरमेश्वर राशि भी नहीं है। यहां तक कि वित्त आयोग की राशि तक रोक ली गई थी। जिसे बीजेपी की सरकार ने सत्ता में वापस आते ही जारी किया था।
कमलनाथ सरकार ने दिया भ्रष्टाचार को बढ़ावा- शिवराज सिंह चौहान
कांग्रेस पर वार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया था। बल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। वही सीएम शिवराज ने कहा है कि बीजेपी की सरकार रहेगी तो गांव विकास की दौड़ से अछूते नहीं रहेंगे। किसान की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री कल्याण निधि से सालाना 4000 दिए जाएंगे। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सके।
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वहीं कांग्रेस पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर कोई मुख्यमंत्री यह कहे कि प्रदेश में पैसे नहीं है। पैसे की कमी है तो वह किस काम का मुख्यमंत्री नेता वह होता है जो परेशानी के वक़्त राह निकालता है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चुनाव के बाद एक बार फिर वह जनता के बीच आएंगे और मिलकर तेजी से विकास का कार्य पूरा करेंगे।
शिवराज सिंह चौहान कैसे किसान पुत्र – कमलनाथ
बता दे कि 28 सीटों पर उपचुनाव को लेकर अब दिग्गजों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया(jyotiraditya scindia) पर जमकर निशाना साधा था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना बनाते हुए कमलनाथ ने कहा था कि मुख्यमंत्री अपने आपको किसान का बेटा कहलवाते हैं लेकिन प्रदेश के किसान कह रहे हैं कि ना उन्हें बीमा की राशि मिली है, ना मुआवजा मिला है। आखिर शिवराज सिंह चौहान कैसे किसान पुत्र हैं। खुद को किसान का बेटा कहने वाले शिवराज सिंह चौहान बताएं कि आखिरकार उन्होंने किसानों के लिए किया क्या?
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मैं कोई महाराज नहीं, न मेरा कोई गुलाम- कमलनाथ
वहीं दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा था कि अब हम आजाद हो गए। ना ही मैं कोई महाराजा हूं। ना ही मेरे कोई गुलाम है। ना मैं मामा हूं और ना ही अपनी जेब में नारियल लेकर भी चलता हूं। मैं घोषणा भी नहीं करता, मैं झूठ भी नहीं बोलता। वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि मैंने कभी चाय भी नहीं बेची हैहूं मैं सिर्फ कमलनाथ हूं। मैंने कुत्ते की समाधि भी नहीं बनाई है।
गौरतलब हो कि मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार 28 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। जिसको लेकर दोनों पार्टियों के बड़े-बड़े दिग्गज मैदान-ए-जंग में कूद पड़े हैं। वही इस उपचुनाव में कमलनाथ की सक्रिय भूमिका देखी जा रही है। जबकि कांग्रेस के अन्य दिग्गज का चुनावी रैली में शामिल ना होना भी कांग्रेस के लिए एक बड़ा संकट बन गया है। बीजेपी(bjp) लगातार इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का कार्य कर रही है। अब ऐसे में यह चर्चा तो आम है कि आखिर कांग्रेस के दिग्गजों इतने बड़े उपचुनाव में जनसंवाद से खुद को बचाते क्यों नजर आ रहे हैं।