नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (National Kamadhenu Commission) इस त्योहारी मौसम में लोगों के लिए एक नई सौगात लेकर आई है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (National Kamadhenu Commission) द्वारा “कामधेनु दीपावली अभियान” (Kamadhenu Deepavali Campaign) चलाया जा रहा है जिसके तहत इस दिवाली के त्योहार (Festival of diwali) में गाय के गोबर (Cow dung) से बने उत्पादों (products) को बढ़ावा दिया जाएगा। इस दीपावली त्योहार के मौके पर गाय के गोबर से बने दीपक, मोमबत्तियां, शुभ-लाभ, वॉल-पीस , भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों को बनाने के लिए कार्य बहुत पहले ही आरंभ किया जा चुका है।
वहीं राष्ट्रीय कामधेनु आयोग द्वारा इसी अभियान के तहत गाय के गोबर से बनी चिप लॉन्च (Cow dung chip launched) की गई है। आयोग का दावा है कि गाय के गोबर से बनी इस चिप के जरिए मोबाइल हैंडसेट्स (Mobile radiation) से निकलने वाला रेडिएशन कम हो जाता है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया (National Kamadhenu Commission Chairman Vallabhbhai Kathiria) ने प्रेस वार्ता के जरिए इस चिप के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर इस चिप को मोबाइल के साथ रखा जाए तो उसका रेडिएशन (Mobile radiation) कम हो जाता है।
#WATCH: Cow dung will protect everyone, it is anti-radiation… It's scientifically proven…This is a radiation chip that can be used in mobile phones to reduce radiation. It'll be safeguard against diseases: Rashtriya Kamdhenu Aayog Chairman Vallabhbhai Kathiria (12.10.2020) pic.twitter.com/bgr9WZPUxK
आगे उन्होंने कहा कि गोमय गणेश अभियान (Gomay Ganesh Abhiyan) के सफल होने के बाद आयोग ने गोमय दीपक (goomay deepak) को लोगों के बीच लाने का फैसल किया। उन्होंने आगे कहा कि इस “कामधेनु दीपावली अभियान” के तहत आयोग दिवाली के मौके पर गोबर और पंचगव्य के बहुआयामी आयोग को प्रोत्साहित करने जा रहा है। उन्होंने बताया कि गोबर से बनने वाले दीये, मूर्तियां, हवन सामग्री, धूप, अगरबत्तियां, शुभ- लाभ आदि बनाने के काम शुरु किया जा चुका है।
आगे वल्लभ भाई कथीरिया बताते है कि ये प्रयास गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि इस पहल से लोग चाइना दीया को यूज ना करते हुए उनका बहिष्कार सुनिश्चित करेंगे और इस अभियान को सफल बनाएंगे। बता दें कि 11 करोड़ परिवारों के जरिए आयोग ने गोबर से बने 33 करोड़ दीप जलाने का लक्ष्य रखा है।
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Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।