नवरात्रि आने से पहले ही गिरा सोने-चांदी का भाव, जनिए कितना सस्ता हुआ

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शनिवार से शारदीय की नवरात्रि (navratri) शुरु होने जा रही है। नवरात्री (navratri) के शुरु होने से पहले की सोने (gold) के दमों (price fall) में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। वहीं नवरात्रि (navratri) खत्म होने तक सोने के दामों (gold price) में और ज्यादा गिरवाट होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। नवरात्रि (navratri) में किसी भी चीज की चाहे वो गाड़ी हो, घर हो, गहने हो या कोई और आइटम हो, सब की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।

नवरात्रि (navratri) से शुरु होने से पहले ही बाजारों (market) में रोनक लौट आई है। लोग नवरात्रि में मां दुर्गा (Goddess Durga) की पूजा के लिए और बाकि सामान की खरीदारी कर रहे है। कोरोना (corona) के चलते ठप पड़े बाजार में नवरात्रि रोशनी बनकर दस्तक दे रहीं है।  दुकानदारों की माने तो उनका कहना है कि ये कोरोना के वजह से ग्राहक खरीदारी करने में हिचकिचा रहे थे, लेकिन नवरात्रि में अब ग्राहकों ने कोरोना को साइड में रखकर खरीदारी करने का मन बना लिया है, जिसको लेकर वो काफी हर्षित है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।