Mahalaxmi Rajyog 2025 : नौ ग्रहों में खास करके ग्रहों के सेनापति मंगल और चन्द्रमा की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। मंगल ग्रह को साहस, शक्ति और ऊर्जा का कारक माना जाता है, वे हर 45 दिन में राशि बदलते रहते हैं। वही चन्द्रमा सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह है जो हर ढ़ाई दिन में एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते है जिससे वे किसी ना किसी ग्रह से युति करते है और योग राजयोग का निर्माण होता है। वर्तमान में मंगल धनु राशि में विराजमान है।19 दिसंबर को चन्द्रमा भी धनु में गोचर करेंगे, ऐसे में धनु राशि में मंगल और चंद्रमा की युति से महालक्ष्मी राजयोग बनेगा, जिसका प्रभाव 22 दिसंबर तक रहेगा, क्योंकि इसके बाद चन्द्रमा मकर में प्रवेश कर जाएंगे।नए साल से पहले गुरू की राशि में बना यह राजयोग 3 राशियों के लिए बेहद लकी साबित होने वाला है। महालक्ष्मी राजयोग धन, सुख-समृद्धि, विलासिता और मान-सम्मान का प्रतीक है, ऐसे इस योग से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है व जीवन में धन, यश और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
धनु राशि में बनेगा महालक्ष्मी राजयोग, करेगा 3 राशियों का भाग्योदय
वृश्चिक राशि पर प्रभाव : मंगल चन्द्र की युति और महालक्ष्मी राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। विरोधियों को परास्त करेंगे और विजय हासिल करेंगे। मार्केटिंग, मीडिया, कला, संगीत के क्षेत्र से जुडे हुए लोगों को अच्छा लाभ हो सकता है। आय, साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी ।भाग्य का पूरा साथ मिलेगा।समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी।
कन्या राशि पर प्रभाव : मंगल चंद्रमा की युति और महालक्ष्मी राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। पारिवारिक सुख के लिए यह समय फलदायी रहेगा। इस अवधि में वाहन और प्रापर्टी खरीद सकते है। भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। घर परिवार में खुशियों की दस्तक हो सकती है। व्यवसाय के क्षेत्र में उन्नति के नए रास्ते खुल सकते है।परिवार, माता और ससुराल जनों के साथ संबंध मजबूत होंंगे।
मीन राशि पर प्रभाव : चंद्रमा- मंगल की युति और महालक्ष्मी राजयोग जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। काम- कारोबार में नए अवसर मिलेंगे। बेरोजगारों के लिए नौकरी के अवसर मिल सकते है।नौकरीपेशा को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। व्यापारियों को धनलाभ के साथ नए प्रोजेक्ट मिल सकती है। यात्राओं से लाभ मिलने की संभावना है।
कब बनता है महालक्ष्मी राजयोग
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लग्न कुंडली में जब मंगल और चंद्रमा एक साथ विराजमान हो तो महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है। मंगल और चंद्रमा की युति जब कुंडली में द्वितीय, नवम, दशम और एकादश भाव में हो रही हो तब अपार धन लाभ देता है।
- ज्योतिष में इस योग को बेहद शक्तिशाली माना जाता है। महालक्ष्मी योग से धन, दौलत, सुख, समृद्धि, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी हमेशा कृपा बरसाती हैं। समाज में मान-सम्मान मिलता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





