EMI समय पर नहीं भरी तो रास्ते में बंद हो जाएगी आपको e-bike, जानें इस नई टेक्नोलॉजी के बारे में

Atul Saxena
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India’s First remote controlled e-bike: e-bike इस समय लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है, दो पहिया वाहन खरीदने वाले अधिकांश लोग अब इलेक्ट्रिक व्हीकल यानि e-bike की तरफ ही रुख कर रहे हैं, इलेक्ट्रिक व्हीकल के बढ़ते मार्केट को देखते हुए अब इसमें रोज नए नए प्रयोग भी हो रहे हैं, ताजा प्रयोग जो हुआ है उसे जानकर आप चौंक जायेंगे।

जी सच पढ़ा आपने, ये जो प्रयोग e-bike में हुआ है दावा किया जा रहा है कि ऐसा कभी भारत में इससे पहले नहीं हुआ, दरअसल कई लोग ऐसे होते हैं जो EMI पर गाड़ी लेने के बाद कुछ समय तक तो टाइम पर EMI देते हैं लेकिन फिर किसी कारण के चलते वे EMI समय पर नहीं देते जिससे उन्हें फायनेंस करने वाली कंपनी को समस्या पैदा हो जाती है।

EMI नहीं भरी तो गाड़ी रास्ते में ही हो जाएगी बंद 

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि यदि अब किसी ने EMI समय पर नहीं भरी तो उसकी गाड़ी रस्ते में ही बंद हो जाएगी, उसे रिमोट से बंद कर दिया जायेगा, आपको बता दें कि RattanIndia की ई-बाइक कंपनी ने Revolt Motors के इस्तेमाल से नई टेक्नोलॉजी पेश की है।

चिप की मदद से कंट्रोल होगी e-bike 

यदि आपने अपनी e-bike EMI पर खरीदी है और आप समय पर EMI का भुगतान नहीं करते हैं तो Rattan India कंपनी Revolt Motors टेक्नोलॉजी की मदद से उसे रास्ते में ही बंद कर देगी। EMI पर खरीदी गई Revolt RV सीरीज में ट्रैकिंग चिप इन्सटाल्ड होगा, उसी चिप की मदद से कंपनी ई-बाइक को पूरी तरह से बंद कर देगी।

भारत में पहली बार हो रहा इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल 

दावा किया जा रहा है कि भारत में पहली बार इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है, अगर किसी ने भी समय रहते EMI नहीं भरी, तो कंपनी उस e-bike को बंद कर देगी यानि वाहन निर्माता कंपनी का ई -बाइक पर पूरा कंट्रोल होगा,  दरअसल RattanIndia की NBFC फर्म पिछले चार सालों से ग्राहकों को EMI पर वाहन दे रही है लेकिन समय पर EMI नहीं देने वालों से उसकी परेशानी बढ़ जाती है अब कंपनी दावा करती है कि इस इनोवेशन के बाद लोन डिफॉल्ट संख्या लगभग जीरो हो गई है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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