MP News : मध्य प्रदेश में इन दिनों धान, गेहूं आदि फसलों की कटाई के बाद उनका उपार्जन किया जा रहा है, शासन द्वारा बनाये गए उपार्जन केंद्रों पर फसल की खरीदी सरकार कर रही है लेकिन इसी बीच सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हिं कि यदि फसल कटाई के बाद खेतों ने पराली यानि नरवाई जलाई तो कड़ा एक्शन लिया जायेगा
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि पर्यावरण सुरक्षा को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ( NGT ) के निर्देशों के तहत कोई भी किसान खेतों में पराली नहीं जला सकता, उसे प्रतिबंधित किया गया है।इस सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी किये गए हैं और जो भी इसका उल्लंघन करेगा उसे पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि जुर्माने के रूप में भरना होगी।
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प्रति एकड़ के हिसाब से देना होगा जुर्माना
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बेहतर पर्यावरण जन स्वास्थ्य एवं जीव-जन्तुओं की जीवन सुरक्षा को प्राथमिकता में रखते हुए एनजीटी के निर्देशों का पालन किया जाये। उन्होंने कहा ऐसा कोई व्यक्ति/निकाय/ कृषक जिसके पास 2 एकड़ तक की भूमि है तो उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक की भूमि है तो 5 हजार रुपये और 5 एकड़ से अधिक भूमि है तो उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 15 हजार रुपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भरना होगा।
कृषि विस्तार अधिकारी करायेंगे नोटिस की तामील
उन्होंने बताया, दण्ड वसूलने के लिये संबंधित व्यक्ति/निकाय/कृषक जिनके द्वारा नरवाई जलाकर पर्यावरण को क्षति पहुँचाई गई है, उनको उप संचालक कृषि सूचना-पत्र (नोटिस) जारी करेंगे। सूचना-पत्र को तामील कराने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी की होगी। संबंधित क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी इसका पर्यवेक्षण करेंगे एवं तामील किए गए सूचना पत्रों की सूची अनुविभागीय कृषि अधिकारी उप संचालक कृषि को प्रस्तुत करेंगे।
कृषि, राजस्व और पंचायत विभाग मिलकर करेंगे कार्य
कृषि विस्तार अधिकारी, संबंधित ग्राम के हल्का पटवारी एवं पंचायत सचिव के साथ समन्वय बनाकर कार्य करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर संबंधित थाने से पुलिस बल भी साथ में लिया जा सकता है। आदेश में कहा गया है कि नरवाई जलाने से किसानों को रोकने की जिम्मेदारी कृषि विभाग की है। भारत सरकार की संस्था आईसीएआर-क्रीम्स द्वारा देश में नरवाई में आग लगाने की मॉनिटरिंग सैटेलाईट के माध्यम से की जा रही है।