मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभागों की समीक्षा बैठकों के क्रम में आज लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा की, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल परिवर्तन लाना ही सरकार की मंशा है। स्वास्थ्य सेवाओं के आधुनिकीकरण और चिकित्सा शिक्षा के व्यापक विस्तार के लिए सरकार बहुस्तरीय सुधार लागू कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार पन्ना, बैतूल, कटनी और धार में नए मेडिकल कालेज बनाने जा रही है जिनका भूमिपूजन जल्द ही होगा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिक से अधिक अस्पतालों और डॉक्टर्स को आयुष्मान योजना से जोड़ें, सीएम ने कहा बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को प्रदेश में ही सेवाएं देने के लिए करें तैयार, उन्होंने कहा बॉन्ड वाले डॉक्टर्स के भर्ती नियम सरकार बदलेगी और इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा ।
डॉ मोहन यादव ने कहा कि जो अस्पताल या डॉक्टर आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं करते हैं या इस योजना में इम्पैनल्ड नहीं है, उन्हें भी इस योजना से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स की आपूर्ति के लिए विभाग भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाए। यह प्रयास किया जाए कि फील्ड में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालन के लिए निजी चिकित्सकों की भी सेवाएं ली जाए। इसके लिए उन्हें कॉल पर बुलाने के अलावा अच्छा मानदेय (इन्सेंटिव) भी दिया जाए।
बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को MP में ही सेवाएं देने के लिए रोका जाए
उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे विद्यार्थी, जिनकी फीस सरकार द्वारा दी जा रही है, ऐसे बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को मध्य प्रदेश में ही सेवाएं देने के लिए रोका जाए। ऐसे डॉक्टर्स को प्रदेश के जनजातीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए इन्हें भी आकर्षक मानदेय राशि दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तेजी से नए मेडिकल कॉलेज स्थापित हो रहे हैं, ऐसे में अधिक संख्या में डॉक्टर्स की आवश्यकता होगी। बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को प्रमोट कर, इनके मानदेय का रिवीजन कर सभी नए मेडिकल कॉलेजेस एवं फील्ड के अस्पतालों में इनकी सेवाएं ली जाए।
फील्ड स्तर पर संवेदनशीलता, तत्परता और जवाबदेही बढाई जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी स्वास्थ्य योजनाओं के तहत पात्र हितग्राहियों तक इनका लाभ समय पर और प्रभावी रूप से पहुंचे, इसके लिए डिलेवरी सिस्टम को और मजबूती और पारदर्शिता के साथ लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने फील्ड अमले की भूमिका पर विशेष जोर देते हुए कहा कि फील्ड स्तर पर संवेदनशीलता, तत्परता और जवाबदेही से ही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि विभागीय सेवाओं का समन्वय और योजनाबद्ध क्रियान्वयन ही सरकार की लक्ष्य पूर्ति का वास्तविक माध्यम है। बैठक में बताया गया कि बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को शासकीय डॉक्टर्स के रूप में भर्ती करने के लिए, इनके भर्ती नियम संशोधित किए जा रहे हैं। इसके लिए जल्द ही मंत्रीपरिषद की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा।
बेवजह सीजेरियन आपरेशन की शिकायतों पर अंकुश के निर्देश
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में तेजी से नए मेडिकल कॉलेजेस की स्थापना के लिए विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती माताओं का बेवजह सीजेरियन आपरेशन करने की शिकायत आती रहती हैं, इस पर सख्ती से नियंत्रण किया जाए। उन्होंने कहा कि 108 एम्बुलेंस के चालकों द्वारा ज़बरदस्ती मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाने की शिकायत भी आती हैं, इसकी सख्ती से निगरानी करें और ऐसी प्रवृत्ति को रोकें।
दो साल में 84000 से अधिक कार्डियक सर्जरी शासकीय अस्पतालों में हुई
अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को बताया गया कि बीते दो साल में 84000 से अधिक कार्डियक सर्जरी शासकीय अस्पतालों में हुई है। प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में शासकीय अस्पतालों में कार्डियक सर्जरी बहुत कम खर्चे में होती है। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय व्यवस्थाओं की सराहना की। बताया गया कि प्रदेश में देहदान करने वाले 38 मृतकों को गॉड आफ ऑनर दिया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बेहद अच्छी योजना है और पूरे समाज के बीच इसे बेहद प्रमुखता से प्रचारित किया जाना चाहिए।





