मध्यप्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्री परिषद की बैठक में सागर-दमोह मार्ग को दो लेन से चार लेन (पेव्ड शोल्डर सहित) बनाने की 2059.85 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दे दी गई।
76.680 किलोमीटर लंबा यह मार्ग हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) पर बनेगा। इसमें 40 प्रतिशत राशि मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम वहन करेगा, जबकि बची 60 प्रतिशत राशि राज्य सरकार के बजट से 15 साल तक हर छह महीने में किश्तों (सेमी एन्यूटी) के रूप में देगी।
सागर–दमोह मार्ग फोर लेन में बदलेगा
मध्यप्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र में सड़क अवसंरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा फैसला लेते हुए सागर–दमोह मार्ग को चार लेन में उन्नत करने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक सागर-दमोह मार्ग को दो लेन से चार लेन उन्नत करने को मंजूरी दी गई। यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और राष्ट्रीय राजमार्ग-34 को जोड़ेगी, जिससे बुंदेलखंड के सागर, दमोह सहित पूरे क्षेत्र में कृषि, खनिज, व्यापार और पर्यटन को रफ्तार मिलेगी। कुंडलपुर जैसे प्रमुख जैन तीर्थ और दमोह के खनिजराबाद खदान क्षेत्र को सीधा फायदा होगा।
‘परियोजना बुंदेलखंड के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगी’
परियोजना में चार बड़े बायपास (परसोरिया, गढ़ाकोटा, रोन और बान्सा), 13 अंडरपास, 3 बड़े पुल, 9 मध्यम पुल, एक रेलवे ओवरब्रिज, 21 जगहों पर कर्व सुधार और सड़क सुरक्षा के लिए 13 व्हीकुलर अंडरपास बनाए जाएंगे। वर्तमान में इस मार्ग पर रोजाना 10,300 पीसीयू यातायात है जो आने वाले वर्षों में 17,000 पीसीयू तक पहुंचने का अनुमान है। यह मार्ग भविष्य के ‘विंध्य विकास पथ’ और कटनी की ओर प्रस्तावित चार लेन कॉरिडोर का भी हिस्सा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “यह परियोजना बुंदेलखंड के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगी। यात्रा का समय कम होगा, दुर्घटनाएं घटेंगी और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान मिलेगी।” परियोजना पूर्ण होने के बाद सागर से दमोह की यात्रा अवधि में उल्लेखनीय कमी आएगी और क्षेत्रीय संपर्क तथा आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलने की उम्मीद है।





