भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) में मिलवटखोरों की अब खेर नहीं, सरकार लगतार मिलावट (Adulteration ) के खिलाफ अभियान चला रही है| अब प्रदेश में मिलावट करने वाले को उम्रकैद की सजा होगी| मंगलवार को हुई साल की अंतिम कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दी गई। इसके तहत मिलावटखोरों को उम्रकैद की सजा होगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मिलावट एक भयानक अपराध है। खाद्य पदार्थों और दवाईयों में यहां तक कि कोरोना संक्रमण के इलाज के उपयोग होने वाले प्लाज्मा में और कोरोना की वैक्सीन में मिलावट के समाचार मिले हैं। इससे बड़ा अपराध हो सकता है क्या? यह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। यह किसी भी कीमत पर मध्यप्रदेश में नहीं चलने दिया जावेगा।
सीएम शिवराज ने कहा इसके लिए कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश का अनुमोदन किया गया है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में संशोधन कर 6 माह के कारावास और एक हजार रुपये तक के जुर्माने के स्थान पर आजीवन कारावास और जुर्माना प्रतिस्थापित किया गया है। मिलावट करने वाले को आजीवन कारावास होगा।
मिलावट कर सामग्री बनाने वाले होंगे दण्डित, व्यापारी को नहीं मिलेगी सजा
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अध्यादेश में मिलावट कर सामग्री बनाने वाले को दण्ड मिलेगा। व्यापारी को दण्ड नहीं मिलेगा। जहां वस्तु बनती है, दोषी उस कारखाने का मालिक होगा। उसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। जिन्दगी भर जेल में चक्की पीसनी पड़ेगी। नई धारा में 273(क) को जोड़ा गया है। जिसमें एक्सपायरी डेट के खाद्य पदार्थ के विक्रय पर पांच साल का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है। मिलावट के खिलाफ जो जंग चल रही है उसमें यह कानून मिलावट रोकने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगा।
खाद्य पदार्थों और दवाइयों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध भी अध्यादेश पारित किया गया है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में संशोधन कर आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। pic.twitter.com/qP8Go8F7WE
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) December 29, 2020