Amazing Old City In MP: मध्य प्रदेश एक धार्मिक और पर्यटन नगरी है, जहां पर एक से बढ़कर एक घूमने की जगह मौजूद है। धार्मिक मंदिरों के साथ यहां पर ऐतिहासिक स्थल भी मौजूद है जो अपनी समृद्ध विरासत के चलते पहचाने जाते हैं। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु मध्यप्रदेश का रुख करते हैं और यहां की बेहतरीन जगहों का दीदार करते नजर आते हैं।
मध्य प्रदेश घूमने के लिए आने वाले लोगों को लिस्ट में एक और जगह को शामिल कर लेना चाहिए क्योंकि यहां पर एक बहुत ही पुराना और काफी बड़ा पूरा का पूरा एक शहर मिला है जो आने वाले समय में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने वाला है।
यहां हैं Amazing Old City
मध्य प्रदेश की धार्मिक और पर्यटन नगरी ओरछा के करीब एक बहुत ही अद्भुत नगर मिला है। वैसे भी इस शहर में 16वीं सदी के मंदिरों से लगाकर कई सारे महल और नैसर्गिक सुंदरता मौजूद है जो अपने अंदर कई सारे इतिहास और राज समेटे हुए है।
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यहां के जिस क्षेत्र में 5 से 8 महीने पहले घने जंगल हुआ करते थे वहां पर 80 एकड़ में फैली 22 संरचना मिली है जो लगभग 500 साल पुरानी है। यह किसी छोटे से नजर की तरह है और इसे देखकर कहा जा सकता है कि यहां पर किसी समय में लोग रहा करते थे।
खुदाई में मिला पुराना नगर
ओरछा के पास जहां पर यह पुराना नगर मिला है वहां पहले घना जंगल था और लगभग 8 महीने से पुरातत्व विभाग यहां पर खुदाई कर रहा है। खुदाई के दौरान ही इस नगर के बारे में जानकारी मिली है, जिसे ओरछा में बुंदेली और मुगल साम्राज्य की स्थापत्यता के तौर पर देखा जा सकता है। यहां पर कई सारे मंदिर, महल, इमारत, बगीचे मौजूद नहीं है।
विकसित रियासत था ओरछा
ओरछा के 500 साल पुराने इतिहास की बात करें तो यह उस समय का सबसे विकसित नगर हुआ करता था। 16 वीं शताब्दी में भी यहां पर सर्व सुविधा युक्त बस्तियां मौजूद थे और राजा के मंत्री और सूबेदार यहां पर रहा करते थे।
ऐतिहासिक नगर बेरछा के पास घने जंगलों में बेतवा नदी के उत्तरी किनारे पर जहां अबे का ढेर पड़ा हुआ था उसकी जगह ज्ञानी तरीके से साफ सफाई की गई तो 22 संरचनाएं प्राप्त हुई। 80 एकड़ में फैली यह जगह एक छोटा सा नगर है, जहां छोटे छोटे महलनुमा आवासों की नींव के साथ ग्राउंड फ्लोर के आधे साबुत स्ट्रक्चर मिले हैं।
जिला निवाड़ी का प्राचीन शहर ओरछा
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बेतवा नदी के तट पर बसे इस शहर पर मानो समय का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।यहां स्थित श्री राम राजा मंदिर अपनी अलौकिक दिव्यता के लिए विश्व विख्यात है।#explore #MadhyaPradesh #IncredibleIndia #mptourism pic.twitter.com/vACkuCczlD
— MP MyGov (@MP_MyGov) May 1, 2023
अक्टूबर से चल रही है खुदाई
पुरातत्व विभाग में अक्टूबर के महीने में इस जगह की साफ सफाई का काम शुरू किया था। सफाई के दौरान जब पुराने घरों के अवशेष मिले तो इस काम को आगे बढ़ाया गया। धीरे-धीरे जब मलबे के ढेर हटाए जाने लगे तो आर्कियोलॉजिकल स्ट्रक्चर मिलने लगा और देखते ही देखते पूरा नगर यहां पर खड़ा हो गया।
मिले ये अवशेष
इस जगह की खुदाई के दौरान यहां पर घर में उपयोग किए जाने वाले मिट्टी के बर्तन, सील चक्की, रसोई घर, अनाज स्टोर करने के बर्तन, बच्चों के मिट्टी से बने खिलौने, बावड़ियां और मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
इतने सारे अवशेष मिलने का यही मतलब हुआ कि लोग यहां पर व्यवस्थित तरीके से रहा करते थे। जिस तरह का निर्माण यहां पर किया गया है उससे यही लग रहा है कि यह पूरी तरह से सुरक्षितनुमा तरीके से तैयार की गई एक जगह थी, जहां पर राजकीय काम करने वाले लोग रहा करते थे।
खुदाई के दौरान यहां पर यहां बस्ती और पुराने महलनुमा अवशेषों की संरचना के साथ ही सड़क भी मिली है। मिट्टी और टेराकोटा के बर्तन भी यहां पर मिल चुके हैं और बहुत सारी पुरातात्विक चीजे प्राप्त हुई है।
शुरू हुआ संरक्षण
22 इस तरह की संरचना है प्राप्त होने के बाद अब इस जगह को संरक्षित करने का काम शुरू कर दिया गया है। किला परिसर के 800 मीटर क्षेत्र में खुदाई और सफाई का काम किया जा चुका है। यहां से जितना भी सामान मिला है वह काफी पुराना है इसलिए इसका संरक्षण करना बहुत मुश्किल है लेकिन जरूरी भी है।