भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना का दुष्प्रभाव रोजगार के क्षेत्र में भी डला है और मीडिया (media) भी इससे अछूता नहीं है। पिछले एक साल में कई संस्थानों में लगातार वेतन (salary) को लेकर कटौती होती रही है और लोगों को भी शॉर्टलिस्ट (shhortist) किया जाता रहा है ।लेकिन कई संस्थान ऐसे भी हैं जो महीनों से अपने काम करने वाले पत्रकारों (journalist) का वेतन ही नही दे रहे हैं।
देश के जाने माने मीडिया ग्रुप, जिसकी अंग्रेजी और हिंदी के अखबार भी हैं और हिंदी और इंग्लिश के नेशनल चैनल भी, मध्य प्रदेश में स्थित प्रादेशिक चैनल के तीन पत्रकारों ने संस्थान छोड़ने का मन बना लिया है। इसमें संस्थान के ब्यूरो प्रमुख भी शामिल है। इसके साथ ही बरसों से संस्थान में काम कर रहे एक अन्य पत्रकार ने भी संस्थान छोड़ने का नोटिस दे दिया है और अभी हाल ही में ज्वाइन हुई एक महिला पत्रकार ने तो बाकायदा अपना इस्तीफा संस्थान को लिखकर भेज दिया है।
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इन पत्रकारों से बात करने पर उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति का नौकरी करने का उद्देश्य अपना और अपने परिवार का भरण पोषण होता है और ऐसे समय में जब कोरोना के चलते आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा है तब ऐसे में वेतन महीनों तक न मिलने से उनके सामने परिवार के जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है और ऐसी स्थिति में अब संस्थान में काम करने का कोई औचित्य ही नहीं।
हालांकि इस संस्थान को लगातार सरकार के द्वारा विज्ञापन राशि दी जाती रही है ।लेकिन इसके बावजूद उस संस्थान के प्रमुख अपने यहां कार्य कर रहे पत्रकारों का वेतन भुगतान नहीं कर रहे हैं जिसके चलते अब पत्रकार यह कदम उठाने पर मजबूर हो गए हैं।