भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
कोरोना संकटकाल(Corona crisis) के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने विशेष पिछड़ी जनजाति(Special backward tribe) के लिए बड़ी घोषणा की है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए उन्होंने कहा है की विशेष पिछड़ी जनजातियों की महिला एवं बच्चों को इस संकटकाल के बीच उचित पोषण के लिए दी जाने वाली राशि का समय पर भुगतान किया जाए। इसके साथ ही शुक्रवार को मंत्रालय से सीएम शिवराज(CM Shivraj) ने आहार अनुदान योजना के तहत सिंगल क्लिक(Single Click) से 21 करोड़ 97 लाख 80 हजार रूपए भुगतान की नई व्यवस्था का भी शुभारंभ किया है। शिवराज ने कहा कि आगामी महीनों की शुरुआत में ही अब आहार अनुदान योजना की राशि हितग्राहियों के खाते में पहुंचा दी जाएगी।
दरअसल शुक्रवार को विशेष पिछड़ी जाति के लिए बड़ी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्णय दिए है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है की पिछले ढाई वर्ष में 2 लाख 19 हजार से अधिक महिलाओं के खाते में कुल 660 करोड रुपए पहुंचाए गए है। इस संक्रमण काल में कुपोषण मुक्त परिवार बनाने के लिए आहार अनुदान योजना भी चलाई जा रही है। जिसके अंतर्गत परिवार की महिला मुखिया के खाते में प्रतिमाह 1000 रुपए की राशि भेजी जाती है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योजना में प्रदेश के अब तक 2 लाख से अधिक जनजातियों को इस योजना का लाभ मिल रहा है।
इधर आहार अनुदान योजना के तहत सिंगल क्लिक से भुगतान की नई व्यवस्था का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की राशि का वितरण सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल तैयार कर लिया गया है। जिससे आगामी माह के शुरूआत में ही अब लाभार्थी को रकम मिल जाया करेगी। अति पिछड़ी जाति की महिलाओं से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे कई तरह की बातें भी की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे कहा कि आदिवासी बहने अपने बच्चे को खूब पढ़ाए। बच्चों के रोटी, कपड़ा और मकान आदि की व्यवस्था भी राज्य सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री ने सभी जिले के कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि विशेष विशेष जाति के जिनमें बहनों का नाम हितग्राही योजना से छूट गया। उसे तुरंत जोड़ा जाए।सीएम शिवराज ने कहा कि पिछड़ी जनजातियों की पोषण सुरक्षा के लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध है।
बता दे कि आहार अनुदान योजना के तहत प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति जैसे बेंगा, भारिया और सहरिया जनजातियों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए प्रत्येक परिवार के महिला मुखिया के बैंक खाते में प्रतिमाह 1000 का भुगतान किया जा रहा है। वही इस योजना से प्रदेश के 2 लाख 19 हजार हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है। प्रदेश में निवासरत 43 जनजातियों में बैंगा, भारिया और सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति है। जिनके खाते में अब तक 21 लाख 97 लाख, 80 हजार रुपए सिंगल क्लिक से ट्रांसफर किए जा चुके हैं।