भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में जनजातीय विद्यार्थियों (Tribal students) के लिए शिवराज सरकार (shivraj government) द्वारा बड़ी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता को सुधारने के लिए और शिक्षा का लाभ सभी वर्ग के विद्यार्थी तक पहुंचे। इसके लिए लगातार नई व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश के जनजातीय विद्यार्थियों को उच्च व्यावसायिक शिक्षा (Higher Vocational Education) देने के लिए जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कोचिंग संस्थानों (coaching intitutions) के माध्यम से प्रशिक्षण देने की तैयारी की गई है।
दरअसल जनजाति विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा जैसे आईआईटी(IIT), एम्स (AIIMS), नीट (NEET), क्लैट (CLAT) जैसे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवाई जाएगी। इसके लिए जन जातीय कार्य विभाग द्वारा आर्थिक सहायता से संचालित कोचिंग संस्थानों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं यह संस्थान प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा का प्रशिक्षण देंगे।
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बता दें कि यह संस्थान प्रदेश के चार संभागीय मुख्यालय राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में संचालित की जाएगी वहीं कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों की फीस की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी। इसके लिए वर्ष 2021–22 के बजट में 10 करोड़ 30 लाख का प्रावधान किया गया है। विभाग ने जानकारी देते बताया कि इस वर्ष कोचिंग केंद्रों में आकांक्षा योजना के तहत जेईई मेंस (JEE Mains) में 122, जेईई एडवांस (JEE Advance) में 34, नीट में 86 और क्लैट की तैयारियों में 104 जनजाति छात्रों को सफलता मिली है।
वही विभाग की माने तो इस साल इन केंद्रों में 800 से अधिक जनजाति विद्यार्थियों को कोचिंग दिलाए जाने और साथ ही उच्च व्यवसायिक शिक्षा की तैयारी कराए जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रदेशभर से जनजातीय विद्यार्थी संभागीय मुख्यालय में व्यवसायिक शिक्षा की तैयारियों के लिए पहुंच सकेंगे। वहीं कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों की फीस देने का कार्य भी जनजातीय कार्य विभाग द्वारा ही किया जाएगा।