Bribe : डायवर्सन के एवज में पटवारी ने मांगे 10 हजार रुपए, लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा

Gaurav Sharma
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रिश्वत

मंदसौर,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में आए दिन रिश्वत (Bribe) लेते हुए सरकारी कर्मचारी और अधिकारी के पकड़े जाने की खबर सामने आ रही है, लेकिन सरकारी कर्मचारी (Government Employees) है कि रिश्वत (Bribe) लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक बार फिर प्रदेश से रिश्वत (Bribe ) लेते हुए रंगे हाथों पकड़े (Caught Red handed) जाने की खबर सामने आ रही है। मंदसौर (Mandsaur) जिले के नाहरगढ़ गांव के पटवारी (Patwari) को लोकायुक्त उज्जैन (Lokayukta Ujjain) की टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।

पकड़ा गया पटवारी (Patwari) डायवर्सन (Diversion) कराने के नाम पर 15 हजार रुपए की रिश्वत (Bribe) मांग रहा था, जिसमें से 5 हजार रुपए वह पहले ही ले चुका था। बाकी के 10 हजार रुपए लेते हुए वह रंगे हाथों पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि 22 जनवरी को नाहरगढ़ के रहने वाले रामेश्वर सविता ने उज्जैन के लोकायुक्त कार्यालय (Lokayukta Office, Ujjain)  में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने बताया था कि अपनी कृषि भूमि (agricultural land) को व्यवसायिक उपयोग (Commercial use) में लेने के लिए उसे डायवर्सन (Diversion) कराना है। वही डायवर्सन कराने के नाम पर पटवारी वारिस मोहम्मद 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है, जिसमें से 5 हजार रुपए वह पहले ही ले चुका है।

आवेदक रामेश्वर सविता की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सोमवार को लोकायुक्त उज्जैन के निरीक्षक राजेंद्र वर्मा और उनकी टीम ने आवेदक रामेश्वर को नाहरगढ़ पटवारी वारिस मोहम्मद के पास बकया 10 हजार की रिश्वत (Bribe)लेकर जाने को कहा। लोकायुक्त की बात मानते हुए आवेदक पटवारी के पास पैसे लेकर पहुंचा और जैसे ही उसने पटवारी को रुपए दिए, वैसे ही तुरंत लोकायुक्त उज्जैन निरीक्षक राजेंद्र वर्मा अपनी टीम के साथ पहुंच गए और पटवारी को रंगे हाथों रिश्वत (Bribe)लेते हुए पकड़ लिया। वहीं जैसे ही पटवारी ने लोकायुक्त निरीक्षक और उनकी टीम को देखा तो वह हक्का-बक्का रह गया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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