भाजपा मीडिया प्रभारी ने हटवाये उनको बधाई देते बैनर होर्डिंग्स, ये है पूरा मामला

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर (Lokendra Parashar) ने ग्वालियर में उनके स्वागत सत्कार में लगे बधाई देते बैनर, होर्डिंग्स को हटवा दिया है। उन्होंने एक पत्र को ट्विटर पर शेयर करते हैं आत्मीय अपील की है कि आपका स्नेह और आशीर्वाद मेरे जीवन की बड़ी पूंजी है लेकिन मेरा निवेदन है कि जो व्यय आप होर्डिंग आदि पर कर रहे हैं उसे श्रीराम जी चरणों में समर्पित करें इससे मुझे अधिक खुशी मिलेगी।

दरअसल ग्वालियर से गहरा नाता रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार, स्वदेश के पूर्व संपादक लोकेंद्र पाराशर (Lokendra Parashar) को भाजपा (BJP) ने दूसरी बार प्रदेश मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी द्वारा उनको फिर से इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपने से खुश ग्वालियर में उनके शुभ चिंतकों और इष्ट मित्रों और पार्टी नेताओं ने लोकेंद्र पाराशर को बधाई देने के उद्देश्य से शहर में बड़े बड़े होर्डिंग बैनर लगा दिये। लेकिन खास बात ये है कि होर्डिंग लगने के कुछ घंटों बाद ही ये होर्डिंग बैनर हटा दिये गए। मीडिया और लोगों ने जब ये जानने की कोशिश की कि जिस पार्टी की सरकार है उसी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी के होर्डिंग बैनर कौन हटाने की हिम्मत कर सकता है तो बस एक ही जवाब मिला कि ऊपर से आदेश आया है कि हटाना है तो हटा दिये। लेकिन होर्डिंग हटाने वाले ये नहीं बता पाए कि होर्डिंग बैनर किसके आदेश पर हटाये गए।

प्रदेश मीडिया प्रभारी ने आत्मीय अपील कर हटवाये होर्डिंग बैनर

दरअसल ग्वालियर में होर्डिंग बैनर लगाए जाने की सूचना लोकेंद्र पाराशर (Lokendra Parashar) तक भोपाल भी पहुँच गई। तो उन्होंने इसे हटवाने का फैसला किया। लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर एक विनम्र आग्रह कर पत्र पोस्ट किया उन्होंने इसे अपने ट्विटर पर भी शेयर किया। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने लिखा- मुझे ज्ञात हुआ है कि मेरे इष्ट मित्रों और कुछ सामाजिक संस्थाओं द्वारा मुझे पुनः दायित्व मिलने के उपलक्ष्य में कुछ होर्डिंग्स लगाए हैं और कुछ लगाए जा रहे हैं। आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद निश्चित तौर पर मेरे जीवन की बड़ी पूंजी है। ग्वालियर की माटी का बेटा होने के नाते आपके द्वारा मेरे प्रति स्नेह की अभिव्यक्ति स्वरूप होर्डिंग्स आदि लगाना स्वभाविक है लेकिन मेरी मान्यता ये है कि मेरा दायित्व अपनी विचारधारा के प्रसार और नेतृत्व के प्रचार का है। अतः मुझे उसी दिशा में आप सब लोगों से प्रेरणा मिले, यह अत्यंत आवश्यक है। आज मुझे कुछ मित्रों से लगे हुए होर्डिंग्स हटवाने का आग्रह करना पड़ा, इस कारण से उनके हृदय को हुई पीड़ा को मैं समझ सकता हूँ तथा इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।

मैं या समझता हूँ कि स्नेह की अभिव्यक्ति को रोका नहीं जाना चाहिए। सौभाग्य से इन दिनों हमारे पास इस अभिव्यक्ति का ऐसा अवसर उपलब्ध है जो पीढ़ियों तक स्तुत्य रहेगा। हम वह भाग्यशाली पीढ़ी हैं जिसके जीवनकाल में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी के जन्म स्थान पर राष्ट्र मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। इस जन्मभूमि के लिये हुए संघर्ष में हजारों हुतातमाओ ने बलिदान दिये हैं।

अतः आप सभी से आग्रह है कि होर्डिंग आदि प्रचार माध्यमों पर होने वाले व्यय को श्रीराम जी के चरणों में अर्पित करें। यही हमारी वास्तविक कार सेवा है। मुझे आपकी इस अभिव्यक्ति से स्नेह की और अधिक प्रगाढ़ अनुभूति होगी। मुझे विश्वास है कि मेरा यह निवेदन हमारे परिवारभाव को और सार्थक करेगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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