भोपाल।
मध्यप्रदेश में उपचुनाव(By-election) के पूर्व एक बार फिर बीजेपी(BJP) नेताओं के बीच अंदरूनी कलह की स्थिति शुरू हो गयी है। बीजेपी(BJP) के वरिष्ठ नेता दीपक जोशी(deepak joshi) ने दोबारा अपनी बात कहकर पार्टी(party) में हलचल मचा दी है। दीपक जोशी ने एक बार फिर अपनी बात को जोर देते हुए कहा है कि उनके पास सारे विकल्प खुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि वो परिक्रमा करने वाले नहीं बल्कि पराक्रम वाले नेता है। ऐसे में उनको अपने हक़ और जिम्मेदारी के लिए लड़ना होगा।
सोमवार को एक मीडिया(media) चैनल(channel) से बात करते हुए दीपक जोशी ने कहा कि जिन्होंने मुझे चुनाव(election) में हराया। हमारी पार्टी उन लोगों के पीठ थपथपा रही है। ऐसे में मुझे अपने कार्यकर्ताओं के लिए लड़ना होगा। उनके लिए खड़े रहना होगा। माना जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर चुनाव को लेकर कुछ जिम्मेदारियां तय की जा रही हैं। इससे कई कार्यकर्ता खफा हैं। हालांकि भाजपा द्वारा उपचुनाव के लिए बनाई गयी अपनी चुनाव संचालन समिति में उन्हें जगह दी गयी है। इसके बावजूद जोशी पार्टी के खिलाफ नजर आ रहे हैं।
बता दें कि ये पहला मौका नहीं जब जोशी ने अपनी पार्टी के खिलाफ बोलै है इससे पहले भी वो पार्टी की उनके साथ स्थितियों पर खुद के लिए पुनः विचार और अन्य विकल्प की बात कर चुके हैं। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा(V.D.Sharma), संगठन महामंत्री सुहास भगत(suhas bhagat), राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय(kailash vijayvargiya) से बात करने के बाद उन्होंने उस वक़्त अपनर बात को वापस ले लिया था।
दरअसल दीपक जोशी हटपिपल्या विधानसभा सीट से दो बार लगातार विधायक(MLA) रह चुके हैं। वे एक बार बागली विधानसभा सीट से भी विधायक रह चुके हैं। दीपक जोशी 2013 में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार(shivraj government) में स्कूल, उच्च शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट मंत्री भी रहे थे। जिसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें ज्योतिरादित्य(jyotiraditya) समर्थक मनोज चौधरी(manoj Chaudhary) से करीब 23 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। अब मनोज चौधरी के बीजेपी में शामिल होने के बाद ये तो तय है कि हटपिपल्या से मनोज चौधरी चुनाव लड़ेंगे। जिसको लेकर जोशी संशय में हैं।