कोरोना में गरीबों के लिए आये गेहूं की कालाबाजारी, प्रशासन ने मारा छापा

Atul Saxena
Published on -

शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। कोरोना काल में गरीबों की मदद के लिए सरकार ने शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर गेहूं (Wheat) वितरण की व्यवस्था की है लेकिन दुकान संचालित करने वाले सेल्स मेन की नीयत बिगड़ गई और उसने गरीबों को गेहूं (Wheat) ना बांटते हुए उसकी कालाबाजारी (Black Marketing)  कर दी। ग्रामीणों को जब शक हुआ तो प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई और छापा मार कार्रवाई कर गेहूं (Wheat) से भरी ट्रेक्टर ट्रॉली को जब्त कर लिया।

शिवपुरी जिले के खनियाधाना के पास नदनबारा शासकीय उचित मूल्य की दुकान के सेल्समेन ने अधिकारियों की सांठगांठ से 4 माह के गेहूं (Wheat) की कालाबाजारी कर दी है शनिवार को पिछोर एसडीएम राजेंद्र बी नारिया  को सूचना मिली कि  खनियाधाना में कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर चल रही खरीदी में कोरोनाकाल में गरीबों के लिए आए राशन की कालाबाजारी (Black Marketing) हो रही थी उन्होंने पुलिस को सूचित किया।  सूचना मिलते ही खनियाधाना TI आलोक भदौरिया ने बीट प्रभारी केपी शर्मा को तत्काल वहाँ अपनी टीम के साथ दबिश के लिए भेजा। पुलिस ने जब दबिश दी और ग्रामीणों से पूछताछ कर गेहूं (Wheat)  से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर लिया।

ये भी पढ़ें – कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को खतरा, जानिए किस तरह कर सकते हैं बचाव

वही तत्काल पिछोर एसडीएम ने अपनी एक विशेष टीम को खनियाधाना थाना सहित नदनबारा गांव मे मौके की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए भेजा।  प्रशासन की सेल्समैन बलराम के घर और शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर बोरो में भरा भारी मात्रा में गेहूं ( Wheat)  मिला।

ये भी पढ़े – मुरैना : कोरोना कर्फ्यू में भी नहीं रुक रहा अवैध उत्खनन, एसडीओ की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी

शिवपुरी जिले में लॉकडाउन के साथ ही कोरोना का संक्रमण अत्यधिक तेजी से बढ़ रहा है। राशन की कालाबाजारी जोरों है खनियाधाना अंतर्गत कई शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर अभी तक राशन वितरण नहीं हुआ है जिसमें जिले भर की कई विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता नजर आ रही है जिसके खिलाफ बड़े स्तर पर जाँच की आवश्यकता है।

 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News