भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में आज मंगलवार को शिवराज कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) आयोजित की गई। सुबह 11:30 बजे होने वाली इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसके साथ ही कई प्रस्ताव (proposal) केबिनेट (cabinet) में रखे गए।
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार (mp government) घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए 14,500 करोड़ों रूपए का अनुदान देगी। कैबिनेट की बैठक में विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली बिल की दरों में सब्सिडी दी जाती है, उसकी मंजूरी दी गई है। 10 हॉर्स पावर 30 मीटर रहित कृषि पंप उपभोक्ताओं को प्रति हॉर्सपावर सालाना 750 रूपए बिजली देने का प्रावधान था। जबकि इससे अधिक क्षमता के पंप उपयोग करने वाले उपभोक्ता 1500 रूपए बिजली दर देते थे। वही नियामक आयोग द्वारा तय दर से कम पर बिजली देने के लिए सरकार 9773 करोड़ रुपए की सब्सिडी तीनों बिजली कंपनियों को देगी।
इसके अलावा घरेलू उपभोक्ता, जिसकी मासिक खपत 150 यूनिट है। उसे इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिसके लिए 100 यूनिट तक 100 रूपएकी दर से बिजली बिल लिया जाता है। वहीं अनुसूचित जाति जनजाति के उपभोक्ताओं को 30 यूनिट मासिक खपत 25 रूपए देने होते हैं। अब इसके लिए शिवराज सरकार बिजली कंपनियों को 4945 करोड़ रुपए का अनुदान देगी। बिजली दरों में सब्सिडी का सबसे अधिक असर किसानों पर होता है। इन सब्सिडी की रकम से किसानों को लाभ होता है। 2020-21 के लिए बिजली कंपनी को ऊर्जा विभाग (electricity department) द्वारा राशि आवंटित करवाई जाएगी।
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इससे पहले सीएम शिवराज ने मंत्रिपरिषद की बैठक के पूर्व सम्बोधन में कहा कि कल मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ हुई चर्चा उपयोगी और सार्थक रही है। प्राथमिकता के सभी विषयों पर मंत्री समूहों का गठन कर दिया गया है।तत्काल कार्य आरंभ करना है। सभी समूह इस सप्ताह अपनी बैठक कर लें।वही मध्यप्रदेश में गुरुवार को सभी मंत्रियों के साथ वन टू वन चर्चा की जाएगी। इसके अलावा सीएम शिवराज ने कैबिनेट की बैठक में कहा कि धान उद्योग के लिए शिवराज सरकार नई पॉलिसी लेकर आएगी।
इसके अलावा शासकीय सेवकों के लिए विशेष पैकेज त्योहार अग्रिम योजना शुरू की गई थी। जिसका अनुमोदन आज कैबिनेट मीटिंग में किया गया है। इसके अलावा कुछ विक्रेताओं के खाते में डाले जाने वाली रकम के 60 करोड़ पैकेज की अनुमति मध्य प्रदेश की कैबिनेट द्वारा दी गई है।
कैबिनेट की ब्रीफिंग करते हुए मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि धान की मिलिंग के संबंध में बड़े निर्णय लिए गए हैं। 50 से 200 क्विंटल तक के 3 स्लैब बनाए जाएंगे। सीएम शिवराज ने प्रदेश में धान के उद्योग लगाने वाली चैनल प्लांट बढ़ाने के लिए भी पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए हैं इसकी जिम्मेदारी एमएसएमई विभाग को सौंपी गई है।