भोपाल।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन इस अभियान को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ नाराज हो गए है।इसका कारण नगर निगम और राजस्व महकमे द्वारा आम जनता को बिल्डिंग परमिशन में नियमों के उल्लंघन और अतिक्रमण के नाम पर भेजे गए नोटिस।मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने कमिश्नरों को अवगत कराते हुए सख्त हिदायत दी है।
दरअसल, माफिया के खिलाफ अभियान के नाम पर नगर निगम और राजस्व महकमे ने आम लोगों को बिल्डिंग परमिशन में नियमों के उल्लंघन और अतिक्रमण के नाम पर नोटिस थमा दिए है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर को ही मिलाएं तो यह संख्या चार हजार से अधिक बताई गई है।इसकी जानकारी जब सीएम को लगी तो उन्होंने जमकर नाराजगी जताई और कहा मेरे निर्देश संगठित माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए हैं, लेकिन इसकी आड़ में हजारों लोगों को अतिक्रमण और भवन अनुज्ञा के उल्लंघन के नोटिस नगर निगम और राजस्व के अधिकारियों ने थमा दिए। पुलिस प्रशासन भी माफिया के नाम पर आम लोगों की सूची विभिन्न् वॉटसएप पर प्रसारित कर रहा है, जो सरासर गलत है।
सीएम की नाराजगी के बाद मुख्य सचिव ने सभी अफसरों और कर्मचारियों को साफ कर दिया है कि अब यदि आम व्यक्ति को किसी भी तरह से प्रताड़ित या परेशान करने की जानकारी आती है तो कमिश्नर ऐसे लोगों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। शासन स्तर पर हर जिले की सूची है कि कहां कितने नोटिस दिए गए हैं। आम लोगों के संबंध में संभागों को निर्देशित कर दिया गया है।
बता दे कि मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही साफ कर चुके है कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई का मतलब संगठित अपराध से है। यानी चौथवसूली, ब्लैकमेलिंग, आपराधिक गतिविधि का अंजाम देकर आम आदमी को परेशान करने से है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जानी है, लेकिन यह शिकायतें मिल रही हैं कि अतिक्रमण या अन्य नियमों का उल्लंघन करने वालों को माफिया बताकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।हैरान करने वाली बात है कि पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया पर आम लोगों की माफिया के नाम पर लिस्ट बनाकर उसे डाल रहे हैं। जिस पर सीएम ने नाराजगी जाहिर की है।