काशी की यात्रा पर जाने से पहले जान लें ये महत्वपूर्ण बातें, वरना आप भी बन सकते हैं पाप के भागीदार

काशी उत्तर प्रदेश में स्थित प्राचीन और पवित्र शहर है। यहां हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म का महत्वपूर्ण स्थल है। लोग इसे मोक्ष की नगरी के नाम से भी जानते हैं।

Sanjucta Pandit
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Kashi Varanasi Banaras

Should Not be Brought Home from Kashi : भारत में एक-से-बढ़कर-एक धार्मिक स्थल है। ऐतिहासिक स्थल, समुद्री बीच से लेकर पहाड़ की वादियां लोगों का मन मोह लेती है। बहुत सी मंदिर हमारे देश में स्थित है, जिसकी शैली, नक्काशी काफी ज्यादा अद्भुत और पुरानी है, जो अपने साथ गौरवशाली इतिहास समेटे हुए हैं। इसके बारे में लोगों को जानकारी हासिल करने की भी काफी ज्यादा अभिलाष होती है। भारत में ऐसे बहुत से स्थान है, जहां सालों भर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। जिनमें से एक भगवान शिव की नगरी काशी भी है, जिसे बनारस या वाराणसी भी कहा जाता है।

यह उत्तर प्रदेश में स्थित प्राचीन और पवित्र शहर है। यहां हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म का महत्वपूर्ण स्थल है। लोग इसे मोक्ष की नगरी के नाम से भी जानते हैं।

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक

ऐसी मान्यता है कि यहां पर मृत्यु प्राप्त करने वाला व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो गंगा नदी के किनारे बसी हुई है। यहां का दशाश्वमेध घाट सबसे प्रमुख है, जहां पर भव्य गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट भी काफी महत्व रखता है।

भगवान शिव ने स्वयं की थी रचना

पौराणिक कथाओं में इस बात का जिक्र किया गया है कि भगवान शिव ने इस शहर की रचना स्वयं की थी। यह महादेव के त्रिशूल पर टिका हुआ शहर है। इस शहर में आने वाले सभी भक्तों के पाप धुल जाते हैं। अक्सर लोग इस शहर को एक्सप्लोर करने के लिए जाते हैं। अमूमन लोग किसी धार्मिक स्थल पर जाते हैं, तो वहां से कुछ चीज याद के तौर पर घर लेकर आते हैं, लेकिन आपको यह बता दें कि इस जगह से दो चीज भूल कर भी घर नहीं लाना चाहिए। अन्यथा, आप पाप के भागीदार बन सकते हैं।

घर ना लाएं ये 2 चीजें

  • गंगा का पानी हर किसी के घर में पाया जाता है, क्योंकि यह शुद्ध और पवित्र माना जाता है, लेकिन वाराणसी से कभी भी गंगाजल को अपने घर पर नहीं लाना चाहिए। इस जल में जीव, जीवाणु या फिर विषाणु होते हैं, क्योंकि यहां पर सभी जीव जंतुओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में यदि आप गंगा का जल घर लेकर आते हैं, तो आप अनजाने में उन्हें काशी से दूर कर देते हैं। इस कारण आप महापाप के भागी बन जाते हैं।
  • इसके अलावा, गंगा जी की गीली मिट्टी या फिर रेत को कभी भी घर लेकर नहीं आना चाहिए। ऐसा करने पर आप पाप के भागी बन सकते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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