सीएम शिवराज ने किया सागर की श्री बाई का सम्मान, कहा- आप हैं असली हीरो!

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) द्वारा आज महिला सुरक्षा (Women Safety) को लेकर जन जागरूकता अभियान (Public awareness campaign) का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) भी मौजूद थे। कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) द्वारा सागर (sagar) की रहने वाली श्री बाई (Shree Bai) का सम्मान (honoured) किया गया। श्री बाई द्वारा सागर में 27 सितंबर को गैंगरेप पीड़िता (Gang Rape Victim) को हैवानों से बचाया गया था, जिसका सम्मान सीएम शिवराज द्वारा किया गया। साथ ही ‘सम्मान’ पुस्तिका का विमोचन भी  किया गया।

सीएम शिवराज ने किया सागर की श्री बाई का सम्मान, कहा- आप हैं असली हीरो!

शिवराज बोले कि यही असली हीरो है

कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा श्रीबाई से बात की गई, जिसमें उन्होंने श्री बाई से पूरी घटना के बारे में जानकारी ली। साथ ही सीएम ने श्री बाई से कुछ सवाल भी पूछे। सीएम शिवराज द्वारा पूछे गए सवाल ‘क्या आपको बदमाशों से डर नहीं लगा?’ पर जवाब देते हुए श्री बाई ने कहा कि ‘नहीं’। जिसके बाद सीएम शिवराज बोले कि यही असली हीरो है। आपका जीवन धन्य है, मैं आपका अभिनंदन करता हूं।

श्री बाई ने बताया पूरा वाक्या

सीएम शिवराज ने श्री बाई का हाथ जोड़कर अभिनंदन करते हुए कहा कि आप 1 मिनट के भीतर बताएं कि आपने कैसे पीड़िता को बचाया, जिस पर जवाब देते हुए श्री  बाई ने कहा कि हम अपने खेत पर तिल काट रहे थे, तो दोपहर 1:00 बजे भागते हुए एक लड़की मैरे पास आई, जिसने मुझसे बचाने की गुहार लगाई। लड़की को मारने के लिए तीन लोग उसके पीछे भाग रहे थे। लड़की के दो बच्चे थे एक बच्चे की उम्र 1 साल थी, तो वहीं दूसरा बच्चा 2 महीने का था।

मैंने उठा लिया था हाथ में हंसिया

वही लड़की ने आकर मुझे गले लगा लिया और कहा कि मुझे बचा लो, जिसके बाद मैंने उसको आश्वासन देते हुए कहा कि मेरे रहते हुए तुम्हें कोई नहीं मारेगा। वहीं में तील काट रही थी तो मेरे हाथों में हंसिया भी था। वहीं बदमाशों मे से एक व्यक्ति ने मुझसे कहा कि ये मेरी साली है, इसलिए तुम इसे छोड़ो। जिस पर जवाब देते मैंने कहा कि मैं उसे नहीं छोडूंगी। वहीं लड़की में मुझसे कहा कि अम्मा मुझे मत छोड़ना, नहीं तो ये मुझे मार देंगे। जिसके बाद मैंने उससे कहा कि तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है। मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी। हम तुम्हारे लिए खड़े हैं। वही मैंने हंसिया हाथ में ले लिया।

महिला को कर दिया पुलिस के सुपुर्द

मुझसे बदमाशों ने मुझसे कहा कि ये मेरी साली है, तुम्हारी कौन है, तुम क्यों बचा रही हो। जिस पर जवाब देते हुए मैंने कहा कि हम भी मर जाएंगे, इनके साथ पर इसे नहीं छोडूंगी। इसके साथ ही मेरा बेटा 1 किलोमीटर दूर था, जिसको आवाज देकर मैंने बुलाया और मैंने उससे कहा कि ये आदमी मुझे और इस औरत को मार रहे हैं, जिसके बाद मेरे बेटे ने कहा कि वही खड़े रहो। वहीं हमने ने कहा कि हम पुलिस में फोन करके अभी के अभी पुलिस को बुला रहे हैं। जिसके बाद बदमाश डर गए और वहां से भाग गए। इसके बाद हम महिला को अपने घर ले आए उससे खाना दिया और पुलिस को फोन कर के उसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

धन्य है श्री बाई – सीएम शिवराज

श्री बाई का ये वाक्या सुनकर सीएम शिवराज ने बोला कि आपको यह करते वक्त डर नहीं लगा, जिस पर जवाब देते हुए श्री बाई ने कहा कि मुझे डर नहीं लगा, बिल्कुल भी डर नहीं लगा। जिस पर ताली बजाते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि बहुत बढ़िया। यही असली हीरो है। सीएम ने कहा कि 22 साल की बेटी जो कि रेप से पीड़ित थी, उसको मारने की कोशिश हुई डराने और धमकाने की कोशिश हुई, लेकिन श्री बाई द्वारा ढाल बनकर उसकी रक्षा करने के लिए खड़ी रही। उस बेटी को बचा लिया। सीएम ने कहा कि आपका हृदय से सम्मान है और मैं पूरे प्रदेशवासियों से कहूंगा कि बहन श्री बाई ने जो काम किया है, वह हम सबको प्रेरणा देता है। ये चाहती तो इधर उधर हो सकती थी। यह चाहती तो कह सकती थी कि मुझे क्या करना है। लेकिन अपनी जान की परवाह ना करते हुए भी बिटिया को बचाया धन्य है श्री बाई और धन्य है आपका जीवन। मैं आपका अभिनंदन करता हूं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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