भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| उपचुनाव के बाद से ही चल रही कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने आज राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (AnandiBen Patel) से मुलाकात की। कैबिनेट से धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020 को अध्यादेश के माध्यम से लागू करने की मंजूरी के बाद सीएम ने राज्यपाल से धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के अध्यादेश समेत अन्य अध्यादेशों को लेकर चर्चा की।
इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कहा कि जब भी कैबिनेट का विस्तार होगा सबसे पहले मीडिया को ही बताएँगे| उपचुनाव के बाद से ही सियासी गलियारों में कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें लगाई जा रही है| राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया दो बार सीएम से मिल चुके हैं| हालाँकि वो कह चुके हैं, कि मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला स्वयं मुख्यमंत्री और पार्टी आलाकमान को लेना है| लेकिन अब तक कैबिनेट विस्तार को लेकर तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है| मंत्री बनने का इन्तजार कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता और चुनाव जीतकर आये सिंधिया समर्थकों का इन्तजार और बढ़ गया है| अब इस पर निर्णय नए साल में ही हो पायेगा|
राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीएम चौहान ने कहा कि उनकी महामहिम से धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के अध्यादेश समेत अन्य अध्यादेशों को लेकर चर्चा हुई है। इसके अलावा कई अन्य विषयों पर भी बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को प्रदेश की कानून व्यवस्था, कोरोना की स्थिति समेत कुछ अन्य मसलों पर भी उन्हें जानकारी दी है।
धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020 को अध्यादेश के माध्यम से लागू करने की मंजूरी दे दी। इसे लागू करने की अनुमति के लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भेज दिया गया है। राज्यपाल की अनुमति मिलते ही यह प्रदेश में प्रभावी हो जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन कर महिलाओं, बेटियों, विशेषकर नाबालिक बेटियों, अनुसूचित जाति, जनजाति के भाई-बहनों का नियम विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें न्यूनतम 2 वर्ष से लेकर अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थदण्ड दिया जा सकता है।
सीएम ने कहा इस अध्यादेश में लोभ, लालच, भय, प्रलोभन, परिचय छिपाकर धर्म परिवर्तन कराने या कुत्सितइरादों से धर्मांतरण कराने पर दण्ड दिया जा सकेगा। ऐसे अपराध बड़े पैमाने पर मध्यप्रदेश में हो रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। अपना धर्म छिपाकर या गलत व्याख्या कर धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिनियम विरुद्ध दो या अधिक व्यक्तियों का एक ही समय में सामूहिक धर्म परिवर्तन किये जाने पर न्यूनतम पांच वर्ष से अधिकतम 10 वर्ष तक कारावास और न्यूनतम एक लाख रुपये का अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है।