भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव (By – Election) में बुरी तरह से हारी कांग्रेस (Congres) अब नगरीय निकाय चुनावों (Body Election) में जीत दर्ज करने के लिए प्लान तैयार कर रही है। छोटे शहरों के चुनाव में बड़ी जीत की उम्मीद लगाई हुई कांग्रेस इस बार यह मौका अपने हाथ से नही जाने देना चाहती है। जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) और पीसीसी चीफ कमलनाथ (PCC Chief Kamal Nath) इन चुनावों को गंभीरता से लेते हुए हर स्तर की तैयारियां अभी से ही पूरी करने में लग गए है।
2023 विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असर
कांग्रेस को लगातार मिल रही पराजय के बाद अब आने वाले दिनों में होने वाले नागरीय निकाय चुनवा मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए अस्तित्व की जंग से कम नहीं है। निकाय चुनाव के परिणाम का असर 2023 में होने वाले विधानसभा के चुनाव के साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी असर डालेगा। ऐसे में मध्य प्रदेश में अपना वजूद जिंदा रखने के लिए कांग्रेस को निकाय चुनाव ने बेहतर परिणाम लाना काफी महत्वपूर्ण हो गया है।
पुराने प्लान के जरिये जीत की तैयारी
नगर निकाय चुनावों में जीत की तैयारी में लगी कांग्रेस अपने पुराने फॉर्मूले का उपयोग करना चाहती है। जिस तरह 2018 में पार्टी ने सर्वे करवा कर उम्मीदवारों का चयन किया था ठीक वहीं फार्मूला कांग्रेस इस बार निकाय चुनाव में आजमाने का प्लान तैयार कर रही है। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने टिकट वितरण से पहले सर्वे करवाया था, जिसमें उसने उन लोगों को टिकट दिया जो पार्टी को सीट जितवा सकते है। और कांग्रेस का यह फार्मूला काम भी करा जिसका नतीजा यह रहा कि 15 साल बाद कांग्रेस की प्रदेश की राजनीति में दोबारा वापसी हुई।
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कांग्रेस पर बीजेपी की रणनीति रही है भारी
वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव और 2020 के 28 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी की रणनीति कांग्रेस पर भारी पड़ी। लोकसभा चुनाव की सभी सीटों में सिर्फ छिंदवाड़ा से नकुल नाथ ही कांग्रेस को जीत सके बाकी सभी सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया। वहीं इस साल नवंबर में हुए 28 सीटों पर उप-चुनाव को कांग्रेस मात्र 9 सीटें ही जीत सकी और बीजेपी ने यहां अपना बेहतर प्रदर्शन जारी रखते हुए 19 सीटों पर जीती हासिल की।
सर्वे से सिर्फ 2018 चुनाव जीता
सर्वे के आधार पर कांग्रेस को सिर्फ 2018 विधानसभा चुनाव में ही जीत मिली उसमें भी कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार नहीं बना पाई। सरकार बनाने में उसे निर्दलीयों और सपा-बसपा का समर्थन लेना पड़ा। वहीं 2019 और 2020 के चुनाव में भी कांग्रेस की उस रणनीति पर बीजेपी की रणनीति भारी पड़ी। बावजूद इसके कमल नाथ दोबारा से इसी रणनीति के साथ निकाय चुनाव में उतर रही है।
सर्वे का काम हुआ शुरू
निकाय चुनाव में प्रत्यशियों के चयन के लिए कमल नाथ ने सर्वे का काम शुरू भी करवा दिया है। एजेंसियों के अलावा कमल नाथ पार्टी स्तर पर भी सर्वे करवा रहें है। उन्होंने पर्यवेक्षकों को सभी नगरीय निकायों में भेज कर वहां के स्थानीय मुद्दे और जिताऊ कैंडिडेट्स की सूची तैयार करने के निर्देश दिए है।