PM Awas : एमपी के 21 जिलों में पीवीटीजी परिवारों के लिये बनेंगे पक्के आवास, पीएम जनमन में मध्यप्रदेश को मिले 33 हजार 138 पीएम आवास

केन्द्र सरकार द्वारा पीएम जन-मन के तहत प्रदेश के 24 जिलों में रहने वाले पीवीटीजी परिवारों के समग्र विकास के लिये विभिन्न प्रकार के विकास एवं हितग्राहीमूलक कार्य किये जा रहे हैं।

Atul Saxena
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PM Modi

PM Awas PM Jan-Mann : केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश को प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) में 33 हजार 138 आवास मंजूर किये गये हैं। पीएम जन-मन के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से कमजोर एवं पिछड़े जनजातीय समूह (पीवीटीजी) परिवारों के ‘पक्के घर’ बनाये जा रहे हैं। मंत्रालय द्वारा प्रदेश के 21 जिलों में रहने वाले पीवीटीजी परिवारों को पक्के घर की सौगात देते हुए यह विशेष मंजूरी दी गई है।

जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने मध्यप्रदेश को बड़ी संख्या में पीएम आवास मंजूर करने के लिये केन्द्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है। मध्यप्रदेश को इन पीएम आवासों की 25 नवम्बर को मंजूरी दी गई है।

इन जिलों में बनेंगे पक्के आवास 

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा श्योपुर जिले को 7561, शिवपुरी को 5154, उमरिया को 4092, शहडोल 2591, अशोकनगर 2294, गुना 2084, सिंगरौली 1895, डिंडोरी 1532, अनूपपुर 1522, सीधी 1042, मंडला 903, मुरैना 695, विदिशा 448, बालाघाट 401, ग्वालियर 266, छिंदवाड़ा 202, नरसिंहपुर 158, सिवनी 117, दतिया 110, जबलपुर 42 एवं रायसेन जिले को 29 पीएम आवास मंजूर किये गये हैं। मध्यप्रदेश को 1 लाख 44 हजार 200 पीएम आवासों की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है। इस प्रकार मध्यप्रदेश को अब तक 1 लाख 77 हजार 338 पीएम आवास स्वीकृत हो चुके हैं।

24 जिलों में रहने वाले पीवीटीजी परिवारों के लिए चल रही हैं योजनायें 

केन्द्र सरकार द्वारा पीएम जन-मन के तहत प्रदेश के 24 जिलों में रहने वाले पीवीटीजी परिवारों के समग्र विकास के लिये विभिन्न प्रकार के विकास एवं हितग्राहीमूलक कार्य किये जा रहे हैं। पीएम जन-मन में ‘सबको पक्का घर’ के तहत सभी पीवीटीजी परिवारों के पक्के घर बनाकर इन घरों में विद्युतिकरण भी कराया जा रहा है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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