शहडोल।मो अनीश तिगाला। गोहपारू से कुछ दिन पहले लौटे मजदूरों में 2 मजदूर कोरोना पॉजिटिव आये है। जानकारी के अनुसार गोहपारू और झींकबिजुरी स्थानों पर क्वारंटाइन किए गए दो श्रमिकों की जांच के बाद उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव बताई गई है। कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ.पी. चौधरी ने दूरभाष पर की गई चर्चा पर इसकी पुष्टि भी की है।
शहडोल कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व आमजनता की लॉक डाउन की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है। जो दो मजदूरों कोरोना पॉजीटिव पाए गए है, उसमें एक मजदूर महाराष्ट्र के अहमद नगर से यहां लाया गया था, वहीं दूसरे मजदूर को विदिशा से लाने की खबर है। हालाकि अधिकारिक तौर पर अभी इसकी प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं हुई है, यह बात भी सामने आई है कि दोनों मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर से मिली छुट्टी के बाद यह रिपोर्ट सामने आई है, मजदूरों में 15 साल की किशोरी और 26 साल का युवक शामिल है।
खबर यह भी है कि दोनों को क्वारंटाइन सेंटर से छुट्टी दे दी गई थी, बाद में रिपोर्ट पॉजीटिव आने के कारण इस रिपोर्ट ने चिंताओं को और बढ़ा दिया है, हालाकि यह खबर आने के बाद कलेक्टर स्वास्थ्य अमले को लेकर खुद क्षेत्र के लिए रवाना हो गये थे, बड़ी बारीकियों से पूरे मामले का अध्ययन और उससे जूझने के लिए रणीनीति बनाई जा रही है। अब सावधान हो जाइये।
मजदूरों को 14 दिन क्वारेंटीन में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। इस दौरान उनका स्क्रीनिंग करने के बाद उनमें कोरोना के संभावित लक्षण पाए जाने पर उनका सैंपल जबलपुर जांच के लिए भेजा गया था। सैंपल आने से पहले ही मजदूरों को 14 दिन क्वारेंटीन सेंटर में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। इसके बाद मजदूरों की कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आई है। क्वारेंटीन सेंटर से छोड़े जाने के बाद मजदूरों की कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर भी उंगली उठ रही है। जब मजदूरों का सैंपल भेजा गया था तो उनकी जांच रिपोर्ट आने से पहले ही उन्हें क्यों छोड़ दिया गया। अब मजदूर जिन जगहों पर गए होंगे, वहां भी कोरोना फैलने का डर बना रहेगा। शहडोल से अब तक 90 संदिग्ध लोगों की जांच के बाद सैंपल लेकर जबलपुर जांच के लिए भेजा जा चुका था। इसमें से 74 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं जिले में अब तक कुल 11 हजार 261 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।