ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
जिले में बढ़ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या के बीच एक बंदी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। बंदी को जिस बैरक में रखा गया था उसमें 61 बंदी थे जिनके ऊपर भी खतरा मंडराने लगा है। रिपोर्ट आने के बाद मरीज को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है और 6 संतरियों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है। खास बात ये है कि जेल में ये पहला पॉजिटिव केस है।
ग्वालियर सेंट्रल जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि थाना कम्पू क्षेत्र में स्थित मांढरे की माता मंदिर के पास रहने वाले युवक,उसका भाई और एक अन्य साथी को छेड़छाड़, पॉस्को एक्ट सहित सहित मामले में न्यायालय से 23 मई को जेल भेजा था। नियमनुसार जेल में आने से पहले इन सभी का कोरोना टेस्ट कराया गया । इन तीनो को जेल में 11 नंबर बैरक में रखा गया जिसे आइसोलेशन वार्ड बनाया हुआ है। इसमें बाहर से आने वाले बंदी को रखा जाता है। जब इन तीनों नये बंदियों को बैरक में भेजा गया उस दौरान बैरक में कुल 61 बंदी पहले से मौजूद थे। सोमवार देर शाम उन तीनों में से एक बंदी की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई जबकि दी अन्य की रिपोर्ट निगेटिव आई। बंदी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आते ही जेल में हड़कंप मच गया । बंदी को सोमवार को ही रात में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करा दिया गया । जेल अधीक्षक साहू के मुताबिक बंदी के पॉजिटिव पाए जाने के बाद हमने 6 जेल प्रहरियों को क्वारेंटाइन कर दिया है उन्होंने कहा कि बैरक नंबर 11 के सभी 61 बंदियों पर भी निगाह रखी जा रही है तीन दिन के अंदर इन सभी का भी कोरोना टेस्ट कराया जायेगा। उधर इस बंदी को जेल तक लाने वाले कंपू थाने के स्ताफ का भी टेस्ट कराया जायेगा। बहरहाल सेंट्रल जेल में पहला कोरोना पॉजिटिव के आने के बाद सभी सकते में हैं ग्वालियर सेंटरी जेल में पहले से ही क्षमता से अधिक बंदी हैं। जेल प्रशासन पैरोल पर गए बंदियों को वापस नहीं ले रहा सरकार ने इनकी पैरोल अवधि बढ़ा दी है ऐसे में अब जेल प्रबंधन के सामने बड़ी चुनौती जेल में बंद बंदियों की सुरक्षा को लेकर है।