ग्रामीण क्षेत्रों में निरीक्षण के लिये गए निगम आयुक्त ने दुकानदारों के सामने जोड़े हाथ

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर नगर निगम आयुक्त (Gwalior Municipal Corporation Commissioner) की जिम्मेदारी संभालने के बाद से शिवम वर्मा (Shivam Verma) दिन रात शहर की सफाई व्यवस्था (Cleaning system) को लेकर चिंतित हैं। वे सुबह सुबह सफाई व्यवस्था का निरीक्षण (inspection) करने निकल जाते हैं तो देर रात भी सड़कों पर ही दिखाई देते हैं। दिन में वे कार्यालय में अधिकारियों को शासन की योजनाओं को ईमानदारी से पूरा करने के निर्देश देते हैं। आज उन्होंने नगर निगम सीमा में आने वाले ग्रामीण वार्डों का निरीक्षण किया और दुकानदारों से हाथ जोड़कर सफाई के लिए निवेदन किया।

नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा (Municipal Corporation Commissioner Shivam Verma) ने आज ग्रामीण क्षेत्र (Rural Area) के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 63 एवं 64 में सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया । आयुक्त ने ग्रामीणों से चर्चा की और नालियों में गोबर व सड़क पर गंदगी न फैलाने का आग्रह किया। जलालपुर क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त श्री वर्मा ने विभिन्न ग्रामों की साफ सफाई व्यवस्था को देखा तथा ग्रामीणों से चर्चा की एवं शहर की सफाई व्यवस्था में सहयोग के लिए अपील की निगमायुक्त ने कहा कि जो लोग नालियों में गोबर फेंकते हैं या सड़क पर गंदगी फैलाते हैं ।उससे शहर की छवि खराब होती है। कृपया ऐसा ना करें कचरा डस्टबिन में ही रखें।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।