नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट
दिल्ली में हो रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की अहम बैठक में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखी गई नेताओं की चिट्ठी पर जमकर महाभारत छिड़ गई है। जहां राहुल गांधी नेताओं पर भड़क उठे वही आरोपों से आहत होकर कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Veteran leader Ghulam Nabi Azad) ने इस्तीफा की पेशकश कर डाली। राहुल गांधी ने बेहद तीखे लहजे में इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े किए तो इस पर वरिष्ठ कांग्रेस गुलाम नबी आजाद उखड़ गए और उन्होंने कहा कि अगर मिलीभगत साबित हो गई तो वे इस्तीफा दे देंगे।
दरअसल, बैठक से छन -छन कर खबर आ रही है कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former President Rahul Gandhi) नेताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि पार्टी में सुधार को लिखा गया लेटर बीजेपी से मिलीभगत का नतीजा है। राहुल ने लेटर की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने मीटिंग में कहा कि ‘पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी को पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक है, मीडिया नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पत्र बीजेपी (BJP) के साथ मिलीभगत में लिखा गया। गुलाम नबी आजाद की सफाई से असंतुष्ट प्रियंका गांधी ने कहा कि जो आप कह रहे हैं वह उससे ठीक अलग है जो आपने लेटर में लिखा है। राहुल गांधी की ओर से बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाए जाने से आहत आजाद ने कहा कि यदि वह किसी भी रूप में बीजेपी की मदद कर रहे थे तो इस्तीफा दे देंगे।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के तेवर खासे तीखे थे। राहुल गांधी ने कहा सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था? उन्होंने मीटिंग में कहा कि ‘पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी को पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान CWC की बैठक है, मीडिया नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पत्र बीजेपी के साथ मिलीभगत में लिखा गया।
वही कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं. मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया. पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं।
https://twitter.com/KapilSibal/status/1297794831096459265