डबरा।यशवंत श्रीवास्तव
विश्व भर में फैली वैश्विक महामारी कोविड-19 नोबेल कोरोना के चलते जहां पूरा देश लॉक डाउन है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने भी गंभीर हालातों से निपटने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम कर रखे हैं। प्रदेश में इस महामारी के चलते एस्मा भी लागू किया गया है। डॉक्टर भगवान का रूप धर कर एक तरफ अपनी जान जोखिम में डाल कर जन सेवा में लगे हुए हैं। वहीं पर कुछ लालची डॉक्टर अपनी काली कमाई के लिए देश की जनता की और मरीजों की जान आफत में डाल रहे हैं। मामला डबरा अनुविभाग के टेकनपुर का है। जहां संचालित सिंघल हॉस्पिटल में दोनो डॉक्टर छत की बालकनी से ही मरीजों का हाल पूछ कर टोकरी में दवा लटका कर इलाज कर रहे है। बिना जांच किए बिना नब्ज देखे। जो इस समय कितना उचित है गौर करने वाली बात है।
डॉक्टर सिंघल के यहां इलाज करवाने आई एक वृद्ध महिला का कहना था कि उसे पांच-छह दिन से खांसी है। जिसकी दवा वह डॉक्टर सिंघल के यहां लेने आई है। डॉक्टर ने उन्हें नीचे से ही पूछ कर छत से दवा दे दी। वृद्धजनों में कोरोना जैसी भयंकर बीमारी के लक्षण जल्दी घर बनाते हैं और कोरोना के लक्षणों में से खांसी होना एक प्रमुख लक्षण है। जिस का इलाज वह वृद्ध महिला करवाने डॉक्टर के यहां आई थी। डॉक्टर द्वारा व्रद्ध महिला को बिना जांच बिना नब्ज देखे छत की बालकनी से दवा दे दी गई है। लालची डॉक्टर महिला की जान पर आफत तो है ही। साथ- साथ यदि वह व्रद्ध महिला यदि कोरोना संक्रमित हुई तो न जाने कितनी जान पर जोखिम बन जायेगा। जब इस संबंध में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से बात की उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह गंभीर लापरवाही है। इस समय ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी ।चिकित्सक पर कार्रवाई की जाएगी!