गुना में धंसी मिट्टी की खदान, महिलाएं दबी, सीएम शिवराज ने जताया दु:ख

Gaurav Sharma
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गुना/भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश के गुना (Guna) जिले से एक बड़े हादसे (Accident) की खबर सामने आई है, जहां पानी भरने मिट्टी की खदान (Clay mine) में गई महिलाएं अचानक खदान धंसने (Collapsed of mine) के चलते दब गई। खदान धंसने की खबर लगते ही गुना जिला प्रशासन (Guna Administration) ने तुरंत राहत कार्य (Rescue) शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि खदान धंसने से महिलाओं को चोट आई है।

दरअसल यह पूरा मामला गुना जिले के चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के मेहरिया खेड़ी गांव का है, जहां कुछ महिलाएं पानी भरने के लिए मिट्टी की खदान में गई हुई थी। इसी दौरान अचानक खदान धंस गई और महिलाएं दब गई। यह पूरा हादसा दोपहर में हुआ। हादसा होने के बाद घटनास्थल पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं गुना विधायक लक्ष्मण सिंह (MLA Laxman Singh) सहित अन्य लोग दबी हुई महिलाओं की मदद करने के लिए आगे आए और मिट्टी हटाने की कोशिश में जुट गए।

वही पूरी घटना को लेकर चांचौड़ा के अनुभाग अधिकारी विरेंद्र सिंह का कहना है कि आज हुए हादसे में खदान धंसने से लगभग 16 महिलाएं दब गई थी, जिनके राहत और बचाव के लिए पूरी कोशिश की गई और सभी महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। इन 16 महिलाओं में से 4 महिलाएं चांचौड़ा की है और बाकी राजस्थान की महिलाएं हैं। इन 16 महिलाओं में से 3 महिलाओं को हल्की चोटें आई हैं बाकी हादसे में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है

वहीं गुना में हुए हादसे को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने दु:ख जताते हुए ट्वीट (Tweet) किया कि गुना के चांचौड़ा में मिट्टी की खदान धसकने से कई बहनों के उसमें दब जाने का दुखद समाचार मिला। प्रशासन मौके पर मौजूद है और उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि यह प्रयास सफल हो और हमारी सभी बहनें सकुशल हों।

वहीं स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (Health Minister Prabhu Ram Choudhary) ने भी गुना में हुए हादसे को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि गुना के चांचौड़ा में मिट्टी की खदान धसकने से कई बहनों के उसमें दब जाने का दुखदः समाचार प्राप्त हुआ है॥ जिला प्रशासन मौके पर मौजूद है और उन्हें बचाने की हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि यह प्रयास सफल हो और हमारी सभी बहनों को सकुशल बचाया जा सके…

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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