नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। बड़े कारोबारियों के लिए शायद इस देश में बैंको को लूटना अब एक ट्रेंड बन गया है। पिछले कई सालों से ये लोग बैंको को चूना लगाकर विदेश भाग जाते है। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जहां DHFL ने कथित तौर पर 17 बैंकों के साथ 34,615 करोड़ रूपये की धोखधड़ी की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने DHFL के निदेशकों कपिल वधावन, धीरज वधावन और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 11 फरवरी, 2022 को डीएचएफएल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर एक्शन लेते हुए सीबीआई ने DHFL लिमिटेड, तत्कालीन सीएमडी कपिल वाधवान, धीरज वधावन, सुधाकर शेली, अमेरीलिस रियल्टर्स, स्काईलार्क बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, दर्शन डेवलपर्स प्रा लिमिटेड, लिमिटेड, एसओबी कंस्ट्रक्शन प्रा लिमिटेड, टाउनशिप डेवलपर्स प्रा लिमिटेड, शिशिर रियल्टी प्रा, लिमिटेड, सनब्लइंक रियल एस्टेट प्रा लिमिटेड और कर्मचारियों सहित अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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जिन व्यक्तियों के नाम पर एफआईआर दर्ज हुई है, उन पर 17 बैंकों से 42,871.42 करोड़ रुपये का लोन लेकर, धोखा देने की आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप है। एफआईआर में आगे बताया गया है कि आरोपियों ने DHFL के हिसाब में हेराफेरी कर उक्त धनराशि के एक महत्वपूर्ण हिस्से का गबन और दुरुपयोग किया है और बकाया राशि के पुनर्भुगतान में बेईमानी से चूक की, जिससे बैंको को 34,615.00 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
बता दे, DHFL लिमिटेड के प्रमोटर फिलहाल यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के साथ कथित धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद है। सितंबर 2021 में, पीरामल कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस ने नकद और ऋण सौदे में 34,250 करोड़ रुपये में DHFL का अधिग्रहण किया था।
माल्या और नीरव मोदी से आगे निकला DHFL
DHFL ने 34,615 करोड़ रूपये का गबन कर पुराने सारे घोटालों को बौना साबित कर दिया। इससे पहले एबीजी शिपयार्ड और प्रमोटरों पर 22,000 करोड़ रुपये के बैंकों को धोखा देने के लिए मामला दर्ज किया गया था, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक को 13,000 करोड़ रुपये चुकाए बिना ही देश छोड़कर भाग गए थे।
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इसके अलावा स्टर्लिंग बायोटेक के संदेसरा 16,000 करोड़ रुपये के लोन के साथ फरार हैं, जबकि विजय माल्या भारतीय बैंकों से लिए गए 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाए बिना ही ब्रिटेन में शिफ्ट हो गए हैं।