Gemology: हिंदू धर्म में जिस तरह से ग्रह नक्षत्र का महत्व माना गया है। उसी तरह से रत्नों का भी विशेष महत्व माना गया है। ज्योतिष में दिए गए उल्लेख के मुताबिक ग्रह नक्षत्र हमारे जीवन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। ग्रहों की स्थिति में अगर कोई उतार चढ़ाव आता है, तो इसका असर व्यक्ति के जीवन पर भी देखने को मिलता है।
कई बार कुंडली में मौजूद ग्रह हमें अच्छे और कई बार बुरे परिणाम देने का काम करते हैं। ग्रहों से अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सके और बुरे परिणामों को खत्म किया जा सके इसमें रत्न बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जीवन में सुख समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए कुछ रत्नों को धारण करना शुभ माना गया है। आज हम आपको पन्ना और पुखराज के बारे में जानकारी देते हैं।
क्या कहता है रत्न शास्त्र (Gemology)
पन्ना और पुखराज दोनों ही ज्योतिष में उल्लेखित बहुत शुभ रत्न हैं। बृहस्पति से संबंधित पुखराज शिक्षा, नौकरी और कारोबार में तरक्की दिलाने का काम करता है। वहीं बुध से संबंधित पन्ना व्यक्ति को ज्ञान, बल और समृद्धि प्रदान करता है। चलिए आज यह जानते हैं कि इन दोनों को एक साथ धारण किया जा सकता है या नहीं।
कब और कैसे पहनें पुखराज
जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर है उन्हें पुखराज जरूर पहनना चाहिए। पुखराज धारण करने से गुरु मजबूत होता है। इसे गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र में या फिर एकादशी और द्वादशी पर पहना जा सकता है।
कब और कैसे पहनें पन्ना
पन्ना बुध का रत्न है इसलिए इसे बुधवार के दिन धारण करना शुभ माना गया है। जिनकी कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर है, वह इसे धारण कर सकते हैं। यह कभी भी टूटा फूटा या धब्बेदार नहीं होना चाहिए। बुध की महादशा या फिर इसके 8वें और 12वें भाव में होने पर इसे कभी ना पहनें।
एक साथ पहन सकते हैं पन्ना और पुखराज?
ज्योतिष में दिए गए नियमों के मुताबिक पन्ना और पुखराज कभी भी साथ में नहीं पहना जाता। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर आपने पन्ना पहना है तो पुखराज धारण न करें। वहीं अगर पुखराज पहनना है तो पन्ना उतार दें। पुखराज के साथ कभी भी हीरा भी धारण न करें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।