त्योहारी मौसम में 2 लाख शिक्षकों के वेतन पर लगा ग्रहण, मंत्री इंदर सिंह परमार ने कही यह बात

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में फेस्टिव सीजन शुरू होने के बाद ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों(government schools) के शिक्षकों(teachers) के वेतन(salary) पर फिलहाल ग्रहण नजर आ रहा है। शिक्षकों को सितंबर माह के वेतन भुगतान नहीं किया गया है। जिसका इंतजार प्रदेश के करीबन 2 लाख शिक्षक बेसब्री से कर रहे हैं। इसी के साथ वेतन न दे पाने के लिए बजट उपलब्ध ना होने की बात कही जा रही है।

दरअसल प्रदेश के 2 लाख शिक्षक बेसब्री से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के वेतन पर रोक रखा गया है। वही माना जा रहा है कि बजट उपलब्ध नहीं होने की वजह से शिक्षकों की वेतन अदायगी नहीं हो पाई है। शिक्षकों को अब तक सितंबर माह का वेतन भुगतान नहीं किया गया जबकि अक्टूबर के 17 दिन बीत गए हैं। वही त्योहारी मौसम शुरू होने के बाद से शिक्षकों के बीच एक मायूसी का माहौल है।

इस मामले में शिक्षक संचालनालय को पत्र लिखकर बजट देने की बात कही गई है। जिसके बाद स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार(indar singh parmar) का कहना है कि बजट(budget) की कोई दिक्कत नहीं है। संविलियन के कारण इसका हेड बदलना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(shivraj singh chauhan) से इस बाबत बात की जा चुकी है। दो-तीन दिन में समस्या का निराकरण हो जाएगा। इसके बाद राजधानी भोपाल(bhopal) के डीईओ नितिन सक्सेना(nitin saxena) ने कहा कि प्राइमरी स्कूल के बजट के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की गई है। उन्होंने शीघ्र बजट उपलब्ध कराए जाने की बात कही है।

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इधर सितंबर के बकाए वेतन को लेकर मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस, आजाद अध्यापक संघ और शासकीय अध्यापक संगठन समेत प्रदेश के शिक्षक विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त और वित्त विभाग के अधिकारी को पत्र लिखकर जल्द वेतन देने की मांग की है। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। यदि 3 दिन के अंदर वेतन नहीं मिला तो सभी शिक्षक आंदोलन करेंगे।

बता दें कि प्रदेश में 2 लाख शिक्षकों के सितंबर माह के वेतन अटके हुए हैं। जिनका कुल खर्च 950 करोड़ बताया जा रहा है। वही डीईओ द्वारा कहा गया है कि बजट बंटन में उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा अन्य जिलों के अधिकारियों ने भी संचालनालय को पत्र लिखकर बजट की मांग की है।


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