क्यों ट्रेंड में है मिनिमलिस्ट लिविंग, जानिए Minimalist Home Decor के 8 टिप्स जो आपके घर को देंगे सादगी भरी सुंदरता

मिनिमलिस्ट लिविंग उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो सरल, शांत और संतुलित जीवन जीना चाहते हैं। यह न सिर्फ भौतिक वस्तुओं को कम करने पर ध्यान देता है, बल्कि लोगों को अपने जीवन के वास्तविक लक्ष्य और खुशियों पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है। अगर आप भी अपने जीवन को सादगी से जीना चाहते हैं तो ये जीवनशैली आपके लिए ही है। इसे अपनाने से आपके जीवन से भौतिकता का बोझ और तनाव कम हो जाता है जो आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा है।

Minimalist Living Trend

Embracing Minimalist Living : आजकल मिनिमलिस्ट लिविंग का ट्रेंड काफी बढ़ रहा है। ये एक जीवनशैली है जिसमें व्यक्ति अपने आसपास कम से कम वस्तुएं रखता है। इस जीवनशैली को अपनाने वालें उन्हीं चीजों को अपने पास रखते और अपनाते हैं जो उनके जीवन में वास्तविक महत्व रखती हैं। इसका अर्थ है गैर-ज़रूरी सामान से छुटकारा पाना और साधारण-सरल जीवन को प्राथमिकता देना। खास बात ये कि यह सिर्फ घर में कम सामान रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से भी सरलता को अपनाना है।

मिनिमलिस्ट लिविंग एक ऐसी जीवनशैली है जिसमें हम अपने जीवन से गैर-ज़रूरी चीजों को हटा देते हैं और सिर्फ उन्हीं चीजों को रखते हैं जो वास्तव में महत्वपूर्ण हैं। इसका मतलब है कि हम कम सामान रखते हैं और उन चीजों पर ध्यान देते हैं जो हमें खुश और संतुष्ट करती हैं। यहाँ भौतिकता से दूर हटकर सादगी और सरलता को महत्व दिया जाता है। इसका मूल उद्देश्य जीवन को आसान बनाना, मानसिक शांति पाना और बाहरी शोर से दूर रहना है।

क्या है Minimalist Living

सोचिए कि आपका घर साफ-सुथरा है, क्योंकि वहां सिर्फ ज़रूरी सामान हो। आपको हर चीज़ तुरंत मिल जाए, क्योंकि कम सामान के साथ सबकुछ व्यवस्थित हो। आप उन्हीं चीजों पर पैसा खर्च करें जो आपके दिल को खुश करती हैं, बजाय फालतू चीजों का ढेर लगाने के। बस यही है मिनिमलिस्ट लिविंग का सिद्धांत। ये एक ऐसी जीवनशैली है जिसमें हम अपनी ज़िंदगी को सादा और सरल बनाते हैं। इसमें गैर-ज़रूरी चीज़ों से छुटकारा पाकर उन्हीं चीज़ों को रखते हैं जो हमारे लिए वाकई मायने रखती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि हम सबकुछ छोड़ दें, बल्कि इसका र्थ है कि हम स्मार्ट तरीके से जीवन जीने पर फ़ोकस करें।

क्यों पॉपुलर हो रहा है मिनिमलिस्ट लिविंग का कॉन्सेप्ट

  • कंज्यूमरिज्म से थकान : आधुनिक समय में लोग लगातार चीज़ें खरीदते रहे हैं, लेकिन फिर भी वे सच्ची खुशी नहीं पा सके। लगातार सामान खरीदते रहने से उत्पन्न मानसिक थकान और असंतोष ने लोगों को मिनिमलिज़्म की ओर आकर्षित किया है। अब लोग यह समझने लगे हैं कि ज़्यादा चीजें रखने से उनकी ज़िंदगी जटिल हो जाती है।
  • आर्थिक कारण : मिनिमलिस्ट लिविंग आर्थिक रूप से भी लाभकारी है। कम सामान खरीदने और अपने खर्चों को नियंत्रित करने से बचत बढ़ती है। लोग अपने बजट को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और वित्तीय स्थिरता पा सकते हैं।पर्यावरण के प्रति जागरूकता : लोग अब पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं। मिनिमलिस्ट जीवनशैली कम सामान खरीदने और कम वेस्ट उत्पन्न करने को बढ़ावा देती है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सस्टेनेबल और इको-फ्रेंडली जीवनशैली को अपनाने से संसाधनों की बचत होती है और कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
  • मानसिक शांति और संतुलन : कम सामान रखने से मानसिक शांति बढ़ती है। एक साफ-सुथरी और सरल जगह में रहने से फोकस और प्रोडक्टिविटी में सुधार होता है। अव्यवस्था के कारण होने वाली चिंता और तनाव कम हो जाता है, जिससे लोग ज्यादा शांत और खुश महसूस करते हैं।
  • डिजिटल युग का प्रभाव : सोशल मीडिया और डिजिटल कंटेंट ने लोगों को दिखाया है कि कैसे लोग मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल अपनाकर अधिक संतोषजनक जीवन जी रहे हैं। ‘मिनिमलिस्ट लिविंग’ से जुड़े वीडियो, ब्लॉग्स और इंस्टाग्राम पोस्ट ने इसे एक पॉपुलर ट्रेंड बना दिया है।
  • समय और ऊर्जा की बचत : कम सामान का मतलब है कम देखभाल और कम समय सफाई में लगाना। लोग समय बचाकर उसे रिश्तों, अनुभवों और शौक में निवेश कर सकते हैं, जिससे जीवन अधिक आसान और सुखद हो जाता है।

ऐसे अपनाएं मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल

1. स्मार्ट फर्नीचर का चुनाव करें : मल्टी-फंक्शनल फर्नीचर चुनें। ऐसा फर्नीचर जो एक से अधिक उपयोगों के लिए काम आ सके, जैसे सोफाबेड, स्टोरेज ऑटोमन या डाइनिंग टेबल जिसे फोल्ड किया जा सके। अगर आपके पास बहुत कम जगह है तो ऐसे आइटम खरीदें जिन्हें इस्तेमाल के बाद आसानी से फोल्ड किया जा सके।

2. स्टोरेज को इनोवेटिव बनाएं : दीवारों का पूरा उपयोग करें। शेल्व्स, हुक्स और वॉल-माउंटेड कैबिनेट्स का उपयोग करके सामान को व्यवस्थित करें। बिस्तर के नीचे स्टोरेज बॉक्स रखें या प्लेटफॉर्म बेड का इस्तेमाल करें जिसमें स्टोरेज स्पेस पहले से हो।

3. कलर स्कीम को सिंपल रखें : हल्के रंग जैसे सफेद, हल्का ग्रे या पेस्टल शेड्स छोटी जगह को बड़ा और खुला दिखाने में मदद करते हैं। अपने घर और फर्नीचर में न्यूट्रल कलर्स को बेस बनाएं और एक्सेसरीज़ में रंगों का कंट्रास्ट जोड़ें।

4. कम सामान, ज्यादा स्पेस : डिक्लटर करें, मतलब समय-समय पर अपनी चीजों की समीक्षा करें और जो सामान उपयोग में नहीं आता उसे दान या रिसाइकल करें। क्वालिटी ओवर क्वांटिटी पर ज़ोर दें। ज्यादा सामान रखने की बजाय सिर्फ उन चीजों को रखें जो टिकाऊ और जरूरी हों।

5. प्राकृतिक प्रकाश का अधिकाधिक उपयोग करें : हल्के और ट्रांसलूसेंट पर्दे इस्तेमाल करें ताकि प्राकृतिक रोशनी अंदर आ सके। यह जगह को खुला और हवादार महसूस कराएगा।दीवारों पर mirror लगाने से प्रकाश का परावर्तन होता है और कमरा बड़ा दिखता है।

6. दीवारों पर सजावट सीमित रखें : दीवार पर सिर्फ एक या दो बड़े आर्ट पीस लगाएं, बजाए छोटे-छोटे बहुत आइटम्स के। इससे जगह साफ-सुथरी दिखती है। ऐसे डेकोरेटिव पीस चुनें जो देखने में खूबसूरत भी हों और काम भी आएं, जैसे हैंगिंग प्लांटर्स आदि।

7. घर में प्राकृतिक एलिमेंट्स जोड़ें : घर के अंदर कुछ छोटे-छोटे प्लांट्स रखें। ये न सिर्फ कमरे को सजाते हैं बल्कि वातावरण को ताजगी भी देते हैं। लकड़ी, बांस या जूट जैसे नैचरल मैटेरियल का इस्तेमाल करें, जो कमरे में सादगी और सुंदरता दोनो लाते हैं।

8. स्पेस का ऑप्टिमल इस्तेमाल करें : किचन कैबिनेट्स और दराजों में ऑर्गनाइज़र्स का इस्तेमाल करके छोटे-छोटे सामान को व्यवस्थित रखें। कमरे के कोनों में छोटे शेल्व्स या लैम्प्स लगाएं ताकि वह जगह भी उपयोग में आ सके।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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