भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने आज प्रदेश भर में जिला मुख्यालय पर कर्मचारियों की लंबिल मांगों की ओर शासन का ध्यान आकर्षित करने के लिये धरना प्रदर्शन (Government Employee Protest) किया । अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर आयोजित देश व्यापी हडताल (Strike) का समर्थन करते हुए यह प्रदर्शन किया गया|
राजधानी भोपाल (Bhopal) में सतपुड़ा भवन स्थित प्रांगण में दोपहर भोजन अवकाश के समय बडी संख्या में अधिकारी कर्मचारी मुख्य द्वार के सामने एकत्र हुए तथा नारेबाजी कर अपनी मांगों की और शासन का ध्यान आकर्षित किया । कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में हाथों में तख्तियॉ भी लिये हुए थे । कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की।
सतपुडा भवन भोपाल पर अधिकारी कर्मचारियों की सभा हुई जिसे मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष एल.एन. कैलासिया, प्रांताध्यक्ष ओ.पी. कटियार, महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा, मोहन अययर, एस.एस. रजक,अरबिंद भूषण श्रीवास्तव,प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष भोपाल विजय रघुवंशी, प्रांतीय उपाध्यक्ष कैलाश सक्सेना, आदि ने संबोधित किया ।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष ओ.पी. कटियार एवं जिला अध्यक्ष भोपाल विजय रघुवंशी ने बताया कि कर्मचारियों की लंबित मांगों का समय अवधि में निराकरण नहीं होने से एवं कर्मचारियों को मिल रहे लाभ उनसे राज्य शासन द्वारा वंचित किया जा रहा है जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है इसको लेकर सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर शासन का ध्यान आकर्षित करने किया गया । इस अवसर पर राजेश तिवारी, मोहम्मद सलीम खान, अजय जैसवाल, फुलेन्द्र बहादुर सिंह, वंदना तिवारीआलोक तिवारी, महेश साहू, सुमित दिवेदी,टी.सी.वर्मन,मोहम्मद ताहिर,वेदपाल सिंह, अजब सिंह, ओ.पी. सोनी,सुनील पाहूजा, अनिल पल्लीवार, सी.पी. श्रीवास्तव, कोशल शर्मा, पारस पीटर, स्टेनोग्राफर संघ के अध्यक्ष मेवाडा सहित बडी संख्या में अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
कर्मचारियों की यह हैं प्रमुख मांगें
जुलाई 19 से 5% महंगाई भत्ते पर लगाई गई रोक को वापस लेने, वार्षिक वेतन वृद्धि की बहाली, केंद्रीय वेतनमान की अंतिम किस्त की 75% राशि का भुगतान, केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता एवं अन्य भत्ते सातवें वेतनमान के अनुरूप दिए जाने , विगत 4 वर्षों से पदोन्नति पर लगी रोक को पुन: बहाली, लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने, सहायक शिक्षकों को पद नाम परिवर्तन, नवीन अंशदाई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, सरकारी विभागों में सीधी भर्ती पर अघोषित प्रतिबंध को समाप्त करने,सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के स्वत्वो का भुगतान करने सेवा, निवृत्ति आयु 62 वर्ष के स्थान पर 65 वर्ष करने, सरकारी विभागों का निजीकरण नहीं करने अप्रिय श्रम संशोधन कानूनों को लागू नहीं करने, संविदा के स्थान पर नियमित नियुक्ति आउटसोर्सिंग प्रथा को समाप्त करने जाने,सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के स्वत्वो का भुगतान करने, संविदा नियुक्ति के स्थान पर नियमित नियुक्ति किए जाने सहित अन्य 24 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर एवं देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर राज्य शासन का ध्यानाकर्षण किया गया।