अधूरी तैयारियों के बीच शुरू हुआ मीना बाजार मेला, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

प्रशासनिक अधिकारियों ने संचालित हो रहे इस मेले में अब तक निरीक्षण क्यों नहीं किया और अगर निरीक्षण किया है तो उन्हें मेले में इस तरह की कमियां और लापरवाही कैसे नजर नहीं आई।

Amit Sengar
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Dabra News : हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी डबरा में शिक्षक कॉलोनी रेस्ट हाउस के सामने एमएस गार्डन के पास मीना बाजार लगाया गया है लेकिन इस बार का मीना बाजार मेला आधी अधूरी तैयारी और कई सारी अनियमिताओं के साथ शहर में लगाया गया है जिसमें दूर दराज के गांव और शहर के सैलानी हजारों की तादाद में इस मीना बाजार मेले को देखने आ रहे हैं अगर इस मेले में सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो सैलानियों के लिए सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। वहीं झूला चालू व बंद होने पर कुछ सामाजिक तत्व झूलों के गेट पर भीड़ के रूप में खड़े हो जाते हैं। जिस पर ना तो स्थानीय प्रशासन का ध्यान है और ना हीं मेला संचालक का क्योंकि जब झूले के काउंटर पर बैठे कर्मचारी से बात की गई तो उसने बताया कि उनके पास झूठों का कोई फिटनेस ( सिक्योरिटी दस्तावेज) सर्टिफिकेट नहीं है। ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेले में आए सैलानियों की सुरक्षा के प्रति मेला संचालक और प्रशासन कितना सजग है।

मेला परिसर में सार्वजनिक शौचालय का नहीं हैं कोई इंतजाम

वहीं मेला परिसर में आने वाले सैलानियों के लिए मेला कैंपस में सार्वजनिक शौचालय का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया क्योंकि मेले में महिलाएं और बच्चे सभी घूमने आते हैं अगर किसी को कोई इमरजेंसी पड़ जाए तो सार्वजनिक शौचालय मेला कैंपस में नहीं हैं। जिसमे खासकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है

सुरक्षा के नहीं कोई पुख्ता इंतजाम

वहीं अगर बात की जाए झूला झूलने वाले सैलानियों की तो वह भी सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि मेले में लगा झूले का आसपास का एरिया पूरी तरह खुला हुआ हैं जिनके आसपास सुरक्षा के लिए ना तो रेलिंग लगाई गई है और ना हीं झूलों में पकड़ने के लिए बेल्ट एवं सपोर्टिंग सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं है अगर कोई बच्चा या कोई भी व्यक्ति झूले के आसपास आता है तो शायद उसके साथ कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। क्योंकि 28 जनवरी 2024 को ग्वालियर मेले में झूले से गिरकर एक महिला की घायल हो चुकी है बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं हैं।

फायर सेफ्टी का नहीं है कोई इंतजाम

वहीं अगर बात करें आगजनी से बचाव और सुरक्षा की तो मीना बाजार मेले में फायर सेफ्टी के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है क्योंकि अगर बात की जाए आगजनी की तो कई बार आगजनी के हादसे कई जगह देखने को मिल चुके हैं इस दृष्टि से भीड़भाड़ वाली जगह पर फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम होना अति आवश्यक है। जोकि नियमों मैं भी आवश्यक है।

क्या प्रशासन को है किसी बड़े हादसे का इंतजार

वहीं अगर बात करें स्थानीय प्रशासन की तो बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मीना बाजार मेल को लगने के लिए परमिशन कैसे दे दी जबकि इस मेले में सुरक्षा और व्यवस्थाओं के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है क्योंकि ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा मेले में घटित होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा वहीं सवाल यह भी खड़ा होता है की प्रशासनिक अधिकारियों ने संचालित हो रहे इस मेले में अब तक निरीक्षण क्यों नहीं किया और अगर निरीक्षण किया है तो उन्हें मेले में इस तरह की कमियां और लापरवाही कैसे नजर नहीं आई।

जब इस संबंध में डबरा नगर पालिका सीएमओ प्रदीप भदोरिया से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास अभी तक मीना बाजार मेल को लेकर कोई संबंधित लेटर नहीं पहुंचा है। इसकी परमिशन डबरा अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा दी गई है।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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