Dabra News : जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है साहब, हटवाएं

पीड़ित अपनी समस्याओं को आवेदन के माध्यम से अधिकारियों को अवगत कराता है लेकिन महीनों चक्कर लगाने के बावजूद भी संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई संतोष जनक कार्रवाई नहीं की जाती है यह रवैया कहीं ना कहीं प्रशासन की कार्यशैली को भी उजागर करता है।

Amit Sengar
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Dabra News : मध्य प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर हर मंगलवार को लोगों की समस्या के निदान के लिए जनसुनवाई होती है। जिसका उद्देश्य है कि जनता की समस्याओं का निराकरण कर उनकी परेशानियों का समाधान किया जा सके। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश की ग्वालियर जिले की डबरा तहसील का है जहाँ किसान की जमीन पर दबंग लोगों ने कब्जा कर रखा है जिसकी शिकायत उन्होंने कई बार आवेदन देकर की है मगर अब तक कोई समाधान नहीं किया गया।

आपको बता दें कि डबरा एसडीएम कार्यालय में मंगलवार को हुई जनसुनवाई में आए फरियादी किसान रामस्वरूप झा पुत्र नथुआ निवासी ग्राम पुट्टी ने हमारे संवाददाता को अपनी पीड़ा सुनते हुए बताया कि उनकी जमीन पर कुछ दबंग लोगों ने कब्जा कर रखा है जिसकी शिकायत उन्होंने कई बार की है लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा उन्हें सिर्फ आश्वासन दे दिया जाता है लेकिन उनकी समस्या का समाधान अब तक नहीं किया गया है।

आवेदन पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

वहीं करण सिंह कुशवाहा निवासी ग्राम चुरली ने बताया उनकी निजी भूमि पर सन 2018 से कुछ दबंग लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है जिसका प्रकरण न्यायालय में भी चल चुका है जिस पर से तहसीलदार ने उनके पक्ष में आदेश भी किया था लेकिन अब तक उनकी भूमि पर से दबंग लोगों का कब्जा नहीं हटाया गया है जिसके संबंध में उन्होंने कई बार जनसुनवाई में आवेदन दिया लेकिन अधिकारियों द्वारा पर्याप्त पुलिस बाल न होने का की बात कह कर उन्हें आश्वासन दे दिया जाता है लेकिन अब तक उनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

फरियादी लगा रहे तहसील के चक्कर नहीं हो रही सुनवाई

वहीं फरियादी अतर सिंह ग्राम इकौना ने भी बताया कि उनकी भूमि पर भी दबंग लोगों ने कब्जा कर रखा है इसके संबंध में उनके द्वारा कई महीनो से जनसुनवाई में आवेदन भी दिया जा रहा है लेकिन आज दिनांक तक उनके आवेदनों पर अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनसुनवाई में कहां तक फरियादियों की पीड़ा सुनी जाती है और कहां तक उनके आवेदनों पर कार्यवाही होतीं हैं क्योंकि एक तो जनसुनवाई में आने वाला फरियादी पहले से परेशान रहता है ऊपर से कार्यालय के चक्कर लगाते-लगाते वह और परेशान हो जाता है।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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