नरसिंहपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश(Madhyapradesh) में किसान(Farmers) विरोध पर उतर आए हैं। पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि(excess rain) और सोयाबीन में लगातार हो रहे पीला मोजक से फसल(crop) को हानि हो रही है। जिसको लेकर किसान मुआवजे(Compensation) की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी बीच प्रदेश के नरसिंहपुर(Narsinghpur) जिले में आज कई किसानों ने सोयाबीन(Soyabean) की फसल बर्बाद होने, वही अतिवृष्टि से बर्बाद हुए फसलो के मुआवजे की मांग को लेकर शंख, थाली एवं ताली बजाए। इसके साथ ही किसानों ने सर्वे(Survey)कराने की मांग की है।
दरअसल मामला रविवार का है। जहां नरसिंहपुर के गांव गजरौला, पटना, करैया में किसानों ने खेत में एकत्रित होकर फसलों की हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की है। किसानों ने थाली, ताली एवं शंख बजाते हुए अपना विरोध जताया है। वहीं उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द सर्वे का काम पूरा किया जाए और उन्हें मुआवजा दिया जाए। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा सिर्फ नदी के तटीय क्षेत्रों में ही बाढ़ प्रभावित फसलों का सर्वे कराया जा रहा है जबकि पूरे मध्यप्रदेश में पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से काफी नुकसान हुई है। वही किसानों का यह भी कहना है कि पिछले वर्ष भी उन्होंने फसल बीमा का प्रीमियम दिया था लेकिन आज तक होने फसल बीमा(Crop insurance) नहीं मिला है। जिसको लेकर किसान 15 सितंबर को ज्ञापन देने नरसिंहपुर पहुंचेंगे।
हालाकि बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार सर्वे टीम के साथ बैठक कर रहे हैं। वहीं उन्होंने सभी टीम से अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द वह अपने सर्वे का काम पूरा करें ताकि प्रदेश के किसानों को उनका मुआवजा मिल सके। प्रदेश सरकार लगातार केंद्रीय टीम के संपर्क में है और सर्वे टीम ने भी इलाकों का मुआयना कर अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंपी है। वही सर्वे टीम ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के प्रबंधन कार्य की सराहना करते हुए कहा था कि प्रदेश में आई भयानक बाढ़ के बावजूद कोई जनहानि नहीं हुई है।